बंगाल में रहने वाले सारे बांग्लादेशी भारतीय नागरिक, ममता बनर्जी ने शरणार्थियां बस्तियां नियमित कीं
बांग्लादेशी शरणार्थियों (Refugee) की 119 बस्तियों को नियमित करते हुए दो टूक कहा दिया कि बांग्लादेश (Bangladesh) से आए सभी शरणार्थी भारतीय नागरिक हैं और उन्हें नागरिकता कानून से डरने की जरूरत नहीं है.
highlights
- ममता बनर्जी ने राज्य में 119 शरणार्थी कॉलोनियों को नियमित किया.
- रहने वाले लोग भारतीय हैं तथा उनकी नागरिकता नहीं छीनी जा सकती.
- बीजेपी पर तीखा हमला बोल दीदी ने कहा लोग गुमराह नहीं हों.
कालियागंज:
नागरिकता संशोधन कानून (CAA)और राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन (NRC) पर देश भर में मची रार के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सूबे में रह रहे सभी बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिक (Indian Citizens) बनने का रास्ता साफ कर दिया है. उन्होंने बांग्लादेशी शरणार्थियों (Refugee) की 119 बस्तियों को नियमित करते हुए दो टूक कहा दिया कि बांग्लादेश (Bangladesh) से आए सभी शरणार्थी भारतीय नागरिक हैं और उन्हें नागरिकता कानून से डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि बांग्लादेशी शरणार्थियों के पास वोटर आई कार्ड, जमीन का पट्टा और घर का पता है, तो सभी भारतीय नागरिक हैं.
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चुनाव पहले बड़ी घोषणा
उत्तर दिनाजपुर के कालियागंज में एक चुनावी रैली में ममता बनर्जी ने यह बड़ी घोषणा की. ममता बनर्जी ने राज्य में 119 शरणार्थी कॉलोनियों को नियमित कर दिया और कहा कि वहां रहने वाले लोग भारतीय हैं तथा उनकी नागरिकता नहीं छीनी जा सकती. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नए सिरे से नागरिकता हासिल करने की जरूरत नहीं है. विभाजन और 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान पाकिस्तान से लाखों हिंदू और मुस्लिम विस्थापित होकर पश्चिम बंगाल आए थे.
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सभी देश के नागरिक
बनर्जी ने यहां एक जनसभा में कहा, वे सभी भारतीय हैं. कोई भी शरणार्थियों की नागरिकता नहीं छीन पाएगा. उन्हें नए सिरे से नागरिकता देने की कोई जरूरत नहीं है. आप सभी इस देश के नागरिक हैं, भाजपा के झूठे बयानों से गुमराह न हों. लोगों के पास आवासीय पते का सबूत, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड और उन्हें भाजपा के नागरिकता प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है.
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सीधे-सीधे केंद्र को चुनौती
बनर्जी ने कहा कि वह बंगाल से एक भी व्यक्ति को बाहर निकालने नहीं देंगी. आपने देखा कि वे सभी शरणार्थी जो बांग्लादेश से आए, वे सभी नागरिक हैं उन्हें नागरिकता मिली. आपको फिर से नागरिकता के लिए आवेदन देने की जरूरत नहीं है. आप प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री, जिला परिषद के चुनाव में अपने वोट दे रहे हैं. अब वे कह रहे हैं कि आप नागरिक नहीं हैं. आप सभी इस देश के मूल नागरिक हो. उनकी सरकार पिछड़े वर्गों के विकास के लिए सब कुछ कर रही है. उन्होंने असम में भाजपा सरकार पर बड़ी संख्या में मूल बंगालियों, राजबोंग्शी और मुस्लिम नागरिकों को राष्ट्रीय नागरिक पंजीन (एनसीआर) से बाहर करने का भी आरोप लगाया.
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