केंद्रीय जांच ब्यूरो और कोलकाता पुलिस कमिश्नर के बीच चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार, बंगाल के पुलिस महानिदेशक और पुलिस कमिश्नर के खिलाफ नोटिस जारी करने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि फैसला पढ़ने के बाद ही कुछ बोलूंगी. ममता ने कहा कि कमिश्नर की गिरफ्तारी का आदेश न दिया जाना हमारे लिए नैतिक जीत है. मैं कोर्ट का सम्मान करती हूं. उन्होंने कहा कि सीबीआई बिना नोटिस के पुलिस कमिश्नर के घर गई थी. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जीत हमें नहीं मिली, टीएमसी को नहीं मिली, कमिश्नर को नहीं बल्कि जनता को जीत मिली है. हालांकि उन्होंने कहा कि अभी धरना खत्म करने का फैसला बाद में लेंगी.
न्यूज नेशन ने ममता बनर्जी से सवाल किया कि मुख्यमंत्री का अपने राज्य में धरने पर बैठना कितना उचित है तो उन्होंने कहा, 'जयललिता और अरविंद केजरीवाल ने भी धरना दिया था. ये देश के लिए है, देश को बचाने के लिए हम धरना पर बैठे हैं, गलत क्या है.'
ममता ने कहा, 'केंद्र सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है. पुलिस कमिश्नर ने कभी पेश होने से मना नहीं किया था.' उन्होंने कहा कि हमारा ये आंदोलन सबके लिए है. केंद्र सरकार राज्य के मामले में हस्तक्षेप कर रही है, हमारे राज्य को उचित फंड नहीं दे रही है.
ममता ने कहा, 'वे (सीबीआई) कमिश्नर को गिरफ्तार करना चाहते थे. वे रविवार को एक रहस्यमयी ऑपरेशन के तहत बिना नोटिस के उनके घर गए. कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी नहीं होगी. हम बहुत कृतज्ञ हैं. इससे अधिकारियों के मनोबल को मजबूती मिलेगी.'
उन्होंने कहा, 'हमनें सुदीप्तो सेन (शारदा ग्रुप का मालिक) को गिरफ्तार करवाया था. हमने न्यायिक आयोग बैठाया था. हमनें 300 करोड़ रुपये लोगों को लौटाया था. हम सीबीआई के खिलाफ नहीं हैं लेकिन उन्हें राजनीतिक पार्टियों की नहीं सुननी चाहिए. उन्हें अपना काम करना चाहिए.'
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उन्होंने कहा, 'हर किसी को मोदी के खिलाफ बोलने से डराया जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने संविधान को बचाया है. हम न्यायपालिका और सभी संस्थानों का बहुत सम्मान करते हैं.'
पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से शिलॉन्ग में होने वाली पूछताछ पर उन्होंने कहा कि उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि ये सीबीआई का मामला है, शिलॉन्ग अच्छी जगह है और एक न्युट्रल जगह होगी.
Source : News Nation Bureau