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अब नीति आयोग की बैठक में भी नहीं आएंगी ममता बनर्जी

बैठक में शामिल न होने का कारण बताते हुए ममता बनर्जी ने कहा है कि नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल को राज्‍य की योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए कोई वित्‍तीय शक्‍ति हासिल नहीं है.

Updated on: 07 Jun 2019, 12:16 PM

नई दिल्‍ली:

पश्‍चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय को पत्र लिखकर इत्‍तला दी है कि वे 15 जून को हो रही नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होंगी. बैठक में शामिल न होने का कारण बताते हुए ममता बनर्जी ने कहा है कि नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल को राज्‍य की योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए कोई वित्‍तीय शक्‍ति हासिल नहीं है.

ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यालय को लिखे लेटर में कहा है कि 15 अगस्‍त 2014 को आपने योजना आयोग की जगह नीति आयोग के गठन की घोषणा की थी. ममता ने कहा कि मैं आश्‍चर्यचकित हूं कि राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों से इस बारे में कोई बात नहीं की गई. उन्‍होंने कहा कि आपको पता होगा कि योजना आयोग राष्‍ट्रीय योजना कमेटी थी, जिसे जवाहर लाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस ने 1938 में गठित की थी. आपको यह भी पता होगा कि 15 मार्च 1950 को योजना आयोग का गठन किया गया था, जिसे वित्‍तीय शक्‍तियां हासिल थीं और वह मुख्‍यमंत्रियों के साथ विकास की योजनाओं पर सलाह-मशविरा करता था.

इससे पहले पश्‍चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया था. ममता बनर्जी ने इसका कारण उन मीडिया रिपोर्टों को बताया था, जिसमें कहा गया था कि शपथ ग्रहण समारोह में 54 उन परिवारों को निमंत्रित किया गया है, जो पश्‍चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के शिकार हुए थे. ममता बनर्जी ने शपथ ग्रहण में शामिल न होने के फैसले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को SORRY भी बोला था.

ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में जो कहा है उसका मजमून इस प्रकार है:

पीएम नरेंद्र मोदी जी, आपको बधाई
मेरा प्‍लान था कि संवैधानिक आमंत्रण को देखते हुए मैं आपके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होऊं. लेकिन पिछले कुछ घंटों में मैंने अपना फैसला बदल दिया है. अभी कुछ मीडिया रिपोर्ट में खबरें आ रही हैं, जिसमें बीजेपी दावा कर रही है कि पश्‍चिम बंगाल में 54 राजनीतिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं. यह पूरी तरह असत्‍य है. राज्‍य में राजनीतिक हिंसा की एक भी घटनाएं नहीं हुई हैं. ये सब घटनाएं आपसी दुश्‍मनी, पारिवारिक झगड़े और अन्‍य विवादों में हुई हैं. राजनीति से इन्‍हें जोड़ना गलत है. रिकॉर्ड में भी इस तरह का कोई जिक्र नहीं है.

इसलिए नरेंद्र मोदी जी, मैं दुख के साथ कहना चाहती हूं कि इन सब कारणों से मैं आपके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी.

यह समारोह लोकतांत्रिक उत्‍सव मनाने का एक मौका था. किसी भी एक राजनीतिक दल को यह अधिकार नहीं है कि वह इसे अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश करे.

कृपया मुझे माफ करें.