ममता ने दिखाया कांग्रेस को आईना, विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने से TMC का इंकार
सूत्रों के मुताबिक पार्टी की गोवा यूनिट चाहती है कि टीएमसी कांग्रेस नीत विपक्षी बैठक से दूरी बनाए रखे क्योंकि गोवा में टीएमसी बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ चुनावी मैदान में है.
highlights
- टीएमसी की गोवा यूनिट की इच्छा पर बैठक से बनाई दूरी
- कांग्रेस से इतर विपक्षी एकता का अगुवा बनने की कोशिश
- कांग्रेस पार्टी को ही ज्यादा घाव दे रही है तृणमूल कांग्रेस
नई दिल्ली:
विपक्षी एकता की अगुवाई करने की कांग्रेस की मुहिम को ममता बनर्जी ने तगड़ा झटका दिया है. टीएमसी ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कृषि कानून समेत महंगाई और अन्य मुद्दों पर कांग्रेस की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है. गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी. ऐसे में कांग्रेस से इतर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्ष के चेहरा बनने की कोशिश कर रही ममता बनर्जी ने बैठक से दूरी बनाना ही श्रेयस्कर समझा. इसकी एक वजह गोवा में आसन्न विधानसभा चुनाव भी हैं, जहां टीएमसी बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ ताल ठोंकने का इरादा जता चुकी है.
टीएमसी की गोवा यूनिट की इच्छा पर फैसला
टीएमसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी की गोवा यूनिट चाहती है कि टीएमसी कांग्रेस नीत विपक्षी बैठक से दूरी बनाए रखे क्योंकि गोवा में टीएमसी बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ चुनावी मैदान में है. हालांकि संसद में विपक्षी दलों की एकता बरकरार रहेगी, लेकिन सुबह होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में टीएमसी शामिल नहीं होगी. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार सुबह अपने चैंबर में विपक्षी दलों की बैठक आहूत की है. इस बैठक का मकसद संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति पर सहमति बनाना है.
कांग्रेस को ही घाव पर घाव दे रही टीएमसी
जाहिर है टीएमसी कांग्रेस से इतर अपनी राजनीतिक राह प्रशस्त कर रही है. मेघालय में पूर्व सीएम मुकुल संगमा समेत दर्जन भर कांग्रेसी विधायकों को तोड़ टीएमसी ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं. यही नहीं. बीते दिनों दिल्ली दौरे पर आई टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने न सिर्फ सोनिया गांधी से मुलाकात से परहेज किया था, बल्कि इस बाबत पूछे गए सवाल का भी तीखा टेढ़ा जवाब दिया था. संभवतः इसी से आहत कांग्रेस एक दिग्गज नेता ने यह आरोप तक लगा दिया था कि टीएमसी, बीजेपी की मदद कर रही है.
फैसले से विपक्षी एकता को झटका
ऐसे में कांग्रेस की ओर से आहूत विपक्षी दलों की बैठक से टीएमसी का किनारा करना विपक्षी एकता को नुकसान पहुंच सकता है और टीएमसी का यह कदम समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी को भी बैठक में नहीं जाने के लिए प्रेरित कर सकता है, जो कि यूपीए का हिस्सा नहीं है. हालांकि संसद के मॉनसून सत्र में बीएसपी को छोड़कर सभी विपक्षी दल एक साथ थे और उन्होंने सदन में पेगासस स्कैंडल समेत अन्य मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा था.
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