लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा, शुक्रवार को जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, उससे माना जा सकता है कि कोर्ट के सामने सरकार ने ठीक तरीके से तथ्यों को नहीं रखा. कोर्ट को सरकार ने भ्रमित करने का काम किया है. सरकार ने कहा है, CAG रिपोर्ट पेश की गई है, PAC ने जांच की है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा, PAC की जांच के वक्त एविडेंस लिए जाते है, पेशी होती है, सारे मेंबर पेश होते हैं, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.
राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार की सफाई पर खड़गे ने कहा, तो क्या जजमेंट में झूठ लिखा गया है. केंद्र सरकार ने गुमराह किया है, इसलिए सरकार को माफी मांगनी चाहिए. इसलिए हम लगातार जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं. खड़गे ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का आदर करते हैं, लेकिन कोर्ट कोई जांच एजेंसी तो नहीं है न. कोर्ट को गुमराह कर सरकार ने क्लीन चिट हासिल की है.
खड़गे ने कहा कि अब हम PAC के सभी सदस्यों से आग्रह करेंगे कि अटॉर्नी जनरल और CAG को बुलाकर उनसे पूछा जाए कि आखिर कब ये राफेल की कीमत की जानकारी कैग को दी गई, कब रिपोर्ट पीएसी के सामने रखी, कब जांच हुई और संसद में पेश की गई ,जैसा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक सरकार ने कोर्ट में दावा किया है.