मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाले शासन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पर गोवा के पूर्व राज्यपाल की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री मनोहर अजगांवकर ने बुधवार को गोवा के पूर्व राज्यपाल की टिप्पणियों की निंदा करते हुए कहा कि मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को संवैधानिक पद से इस्तीफा देना चाहिए और गोवा में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए, अगर उनमें हिम्मत है।
अजगांवकर ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में मलिक और गोवा में विपक्ष के बीच साजिश का आरोप लगाया और तटीय राज्य में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की बदनामी करने का आरोप लगाया।
अजगांवकर ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, उन्हें राज्यपाल के पद के मूल्य की रक्षा करनी होगी। अगर आपमें हिम्मत है, तो आप सेवानिवृत्त हो जाएं और जो चाहें कहें। राजनीति में आएं, गोवा में चुनाव लड़ें, हमें कोई समस्या नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा, चुनाव से पहले प्रमोद सावंत के नाम को बदनाम मत करो। सीएम दिन में 18 घंटे काम करते हैं। उन्होंने कोविड के लिए बुनियादी ढांचा खड़ा किया है।
मलिक ने सोमवार को उस समय विवाद खड़ा कर दिया था, जब उन्होंने एक राष्ट्रीय समाचार चैनल को एक साक्षात्कार में बताया था कि गोवा में हर चीज में भ्रष्टाचार था और राज्य सरकार पर पिछले साल लॉकडाउन राज्य के लोगों को राशन सौंपने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। गोवा में विपक्ष ने अब सावंत के इस्तीफे और मलिक द्वारा गोवा सरकार के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की न्यायिक जांच की मांग की है।
अजगांवकर ने यह भी कहा, वह विपक्ष के संपर्क में हो सकते थे, फिक्सिंग हो सकती थी। उन्होंने विपक्ष को फायदा दिया है। उनकी गृह विभाग द्वारा जांच की जानी चाहिए। उनके पास अपने दावों के सबूत होने चाहिए।
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Source : IANS