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मालेगांव बम धमाके के आरोपी कर्नल पुरोहित को SC ने दी जमानत, 9 साल से थे जेल में बंद

साल 2008 में मालेगांव बम धमाके के आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है।

Updated on: 21 Aug 2017, 05:49 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट ने मालेगांव बम धमाके में आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित को जमानत दी
  • मालेगांव बम धमाके में 9 साल से जेल में बंद थे कर्नल श्रीकांत पुरोहित 
  • एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में कर्नल की जमानत का किया था विरोध 

 

नई दिल्ली:

साल 2008 में मालेगांव बम धमाके के आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। कर्नल पुरोहित पिछले 9 साल से जेल में बंद थे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मालेगांव धमाके के आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित की जमानत याचिका पर 17 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

पुरोहित का पक्ष वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने रखा था। बता दें कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) पुरोहित को बेल दिए जाने का विरोध कर रहा है। एनआईए का कहना है कि पुरोहित के खिलाफ पर्याप्त सबूत है और इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला बरकरार रखा जाए।

सुनवाई के दौरान साल्वे ने कहा कि न्याय के हित में पुरोहित को बेल दी जानी चाहिए। प्रज्ञा सिंह ठाकुर का हवाला देते हुए कहा कि जब उन्हें इस केस में बेल मिल सकती है तो पुरोहित को क्यों नहीं?

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आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान कर्नल पुरोहित की जमानत के लिए जिरह करते हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलीलें रखी थी कि, राजनीतिक वजहों से पुरोहित को इस केस में फंसाया गया है।

उन्होंने कहा, 'सेना की इंटेलिजेंस यूनिट के लिए काम करने के चलते, वो मालेगांव  ब्लास्ट के आरोपी संगठन अभिनव भारत की बैठक में शामिल हुए थे। उनकी हर गतिविधि की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को थी, लेकिन बाद में राजनीतिक कारणों से उन्हें ही आरोपी बना दिया गया।' 

वकील हरीश साल्वे ने कहा, 'वह नौ साल से जेल में बंद है, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ आरोप तय नही हुए है। जबकि मकोका के आरोप हट चुके है।'

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पुरोहित के लिए जमानत की पैरवी करते हुए उन्होंने कहा, 'पुरोहित पर आरोप है कि, साध्वी प्रज्ञा के कहने पर उन्होंने आरडीएक्स मुहैया कराया। जबकि बॉम्बे हाई कोर्ट में NIA कह चुकी है कि उसके पास प्रज्ञा के खिलाफ सबूत नही है, इस आधार बॉम्बे हाईकोर्ट पहले ही साध्वी प्रज्ञा को ज़मानत दे चुका है, लिहाज़ा उनकी भी इस मामले में कोई भूमिका साबित नही होती। ऐसे में उन्हें जमानत दे दी जानी चाहिए।'

इसके अलावा उन्होंने कोर्ट में कहा कि महाराष्ट्र एटीएस के आरोप झूठे है। सेना की कमीशन ऑफ इन्क्वारी रिपोर्ट में भी उनके खिलाफ कुछ नहीं मिला है।

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बता दें कि इससे पहले NIA ने कर्नल पुरोहित को जमानत दिए जाने का विरोध किया था। NIA की ओर से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल मनिंदर सिंह ने दलील दी थी, 'पुरोहित ने अपने सीनियर को अभिनव भारत संगठन के बारे में सही जानकारी दी थी, लेकिन कुछ ऐसे सबूत मिले, जो उनके खिलाफ आरोप तय होने के लिए काफी है। इसी वजह से हाई कोर्ट ने उन्हें ज़मानत नहीं दी। अभी निचली अदालत के आरोप तय होना बाकी है। लिहाजा केस तथ्यों के बारे में अभी बात करने का औचित्य नहीं है।'  

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