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मालेगांव धमाका: सुप्रीम कोर्ट दो सप्ताह बाद करेगा प्रज्ञा ठाकुर मामले की सुनवाई

मालेगांव धमाका: सुप्रीम कोर्ट दो सप्ताह बाद करेगा प्रज्ञा ठाकुर मामले की सुनवाई

Updated on: 29 Nov 2019, 11:33 PM

नई दिल्‍ली:

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत देने के बंबई उच्च न्यायालय के अप्रैल 2017 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगी. ठाकुर 2008 के मालेगांव बम धमाके मामले में एक आरोपी हैं. ठाकुर अभी भाजपा सांसद हैं, उन्हें उच्च न्यायालय ने 25 अप्रैल 2017 को जमानत देते हुए कहा था कि मामले में उनके खिलाफ ‘प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं’ बनता है. उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को बम विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई थी.

धमाके के शिकार लोगों में से एक के पिता की तरफ से दायर याचिका न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिये आई थी. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह इस मामले पर दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता निसार अहमद हाजी सैयद बिलाल ने कहा कि ठाकुर एक प्रभावशाली महिला हैं और वह मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं.

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इसके पहले गोडसे को लेकर बयानबाजी पर विवादों में फंसी बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने शुक्रवार को संसद में माफी मांग ली थी. उन्होंने कहा कि सदन में किसी भी टिप्पणी से जिस किसी को भी ठेस पहुंची हो उसके लिए क्षमा चाहती हूं. लेकिन संसद में मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, मेरे बयान पर राजनीति हुई है जो निंदनीय है. साध्वी प्रज्ञा ने ये भी कहा, 'गांधी जी की देश के प्रति सेवा का मैं सम्मान करती हूं.  इसी सदन के एक माननीय सदस्य ने मुझे आतंकी कहा था, तत्कालीन सरकार के षड्यंत्र के बावजूद मुझपर कोई आरोप सिद्ध नही हुआ है. ये एक महिला का अपमान है उसे आतंकी कहना जो इसी सदन में मेरे ख़िलाफ़ कहा गया है.

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गोडसे पर बीजेपी सांसद के बयान के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष  राहुल गांधी ने प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर हमला करते हुए कहा था कि आतंकी प्रज्ञा ने आतंकी गोडसे को बताया देशभक्‍त. यह भारतीय संसद के इतिहास का सबसे दुखद दिन है. वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने साध्वी प्रज्ञा पर निशाना साधते हुए उन्हें आतंकी कह डाला. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि 'आतंकी प्रज्ञा ने आतंकी गोडसे को देशभक्त बताया भारतीय संसद के इतिहास में सबसे दुखद दिन'.