मन की बात में PM मोदी ने गरीबी और कृषि को लेकर की बात, जानें 10 खास बातें
'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने गरीब और कृषि को लेकर चर्चा की।
नई दिल्ली:
'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने गरीब और कृषि को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मन की बातें मौसम की तरह बदलती हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान भीमराव अम्मबेडर को लेकर कहा कि डॉ. अंबेडकर पिछड़े वर्ग से जुड़े मुझ जैसे करोड़ो लोगों के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने हमें दिखाया कि आगे बढ़ने के लिए जरुरी नहीं है कि बड़े या किसी अमीर परिवार में ही जन्म हो। गरीब परिवारों में भी जन्म लेने वाले लोग अपने सपने देख सकते हैं। उन सपनों को पूरा करने का प्रयास कर सकते हैं और सफलता भी प्राप्त कर सकते हैं।
जाने 10 महत्वपूर्ण बातें
1. वर्षों पहले बाबासाहेब ने भारत के औद्योगिकीकरण की बात कही थी। उनके लिए उद्धोग एक ऐसा प्रभावी-माध्यम था जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति को रोजगार मिल सकता था।
2. आज जब देश में मेक इन इंडिया का अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है तो बाबासाहेब ने इंडस्ट्रियल सूपर पावर के रूप में भारत का जो एक सपना देखा था उनका ही वीजन हमारे लिए प्रेरणा है।
3. विश्व भारत को निवेश इनोवेशन और विकास के हब के रूप में देख रहा है।
4. किसानों को फसल की उचित कीमत मिले इसके लिए देश में एग्रिकल्चर मार्केटिंग रिफॉर्म पर भी बहुत ही व्यापक स्तर पर काम हो रहा है। गांव की स्थानीय मंडियां, होलसेल मार्केट और फिर ग्लोबल मार्केट से जुड़े। इसके लिए प्रयास जारी है।
5. इस साल के बजट में किसानों को फसलों की उचित कीमत दिलाने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है। यह तय किया गया है कि अधिसूचित फसलों के लिए न्यू्नतम समर्थन मूल्य उनकी लागत का कम से कम डेढ़ गुणा घोषित किया जाएगा।
6. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए जो लागत जोड़ी जाएगी, उसमें दूसरे श्रमिकों का मेहनताना, मवेशी, मशीन का खर्च, बीज का मूल्य, खाद का मूल्य, सिंचाई का खर्च, जमीन का राजस्व, ब्याज और अगर जमीन लीज पर ली गई है तो उसका किराया भी इस लागत में जोड़ा जाएगा।
7. देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। यह बहुत बड़ा काम है। जन जन तक जागृति पहुंचाने में आपकी मदद चाहिए। टीबी से मुक्ति पाने के लिए हम सबको सामूहिक प्रयास करना होगा।
8. जब उत्तरप्रदेश की एक महिला अनेकों संघर्ष के बावजूद 125 शौचालयों का निर्माण करती है और महिलाओं को उनके हक के लिए प्रेरित करती है, तब मातृ-शक्ति के दर्शन होते हैं।
9. पीएम ने कहा जब मुझे कानपुर के डॉक्टर अजीत मोहन चौधरी की कहानी सुनने को मिली कि वो फुटपाथ पर जाकर गरीबों को देखते हैं और उन्हें मुफ्त दवा भी देते हैं, तब इस देश के बन्धु-भाव को महसूस करने का अवसर मिलता है।
10. कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि असम के करीमगंज के एक रिक्शा-चालक अहमद अली ने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर गरीब बच्चों के लिए नौ स्कूल बनवाये हैं, तब इस देश की अदम्य इच्छाशक्ति के दर्शन होते हैं।
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