PLA पर नकेल: LAC पर निगरानी बढ़ी, 47 नई चौकियों से रुकेगी घुसपैठ
भारत सरकार के गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने संसदीय पैनल के सामने अपनी रिपोर्ट पेश की है. जिसमें बताया गया है कि टैक्टिकल एरिया में बीआरओ (Border Road Organisation) तेजी से काम कर रहा है.
highlights
- चीनी घुसपैठ पर लगेगी लगाम
- आईटीबीपी को मिलेंगे 47 नए बीओपी
- गृह मंत्रालय ने संसदीय पैनल को सौंपी रिपोर्ट
नई दिल्ली:
भारत चीन को लेकर सतर्क है. भारत चीनी सेना की हरकतें भी जानता है और उसकी आदतें भी. एलएसी के निर्जन इलाकों में अक्सर चीनी सेना की घुसपैठ की खबरें अब अतीत की बात हो जाएंगी, क्योंकि भारत अपनी सीमा पर निगरानी व्यवस्था को बेहद मजबूत कर रहा है. इसके अलावा आधारभूत ढांचे को मजबूत करते हुए भारत सीमाई इलाकों में तेजी से सड़कों का जाल बिछा रहा है. यही नहीं, LAC पर मजबूत चौकसी हो, इसके लिए 47 नई सीमा चौकियों का निर्माण भी किया जा रहा है, ताकि चीन की सेना सीमा को पार करने की हिमाकत न कर सके. इस काम में तेजी लाने के लिए आईटीबीपी के इंजीनियर कोर ने भी पूरी ताकत झोंक दी है.
संसदीय पैनल के सामने रखी गई जानकारी
इस मामले में भारत सरकार के गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने संसदीय पैनल के सामने अपनी रिपोर्ट पेश की है. जिसमें बताया गया है कि टैक्टिकल एरिया में बीआरओ (Border Road Organisation) तेजी से काम कर रहा है. इसके तहत 25 सड़कों पर जो काम बचा था, उसे तेजी से पूरा किया जा रहा है. इसके दूसरे चरण में 32 अलग-अलग सड़कों को बनाया जा रहा है. जिसमें लद्दाख रीजन पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. लद्दाख के अलावा अरुणाचल प्रदेश में 18 फुट ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है. ये ऐसे इलाके हैं जहां पैदल चलना भी मुश्किल होता है.
भारत-तिब्बत सीमा बल के लिए 47 नई सीमा चौकियों का निर्माण
गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि LAC पर ITBP के जवानों के लिए 47 नई सीमा चौकियों का विकास और 12 स्टेजिंग कैम्प का काम शुरू किया गया है. यही नहीं, इन इलाकों में सेना के आवागमन के अलावा निगरानी में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए 32 हैलीपेड भी बनाए गए हैं. ताकि बेहद कम समय में सीमाई इलाकों में न सिर्फ बैकअप फोर्स भेजी जा सके, बल्कि किसी भी तरह के राहत एवं बचाव अभियान को भी अंजाम दिया जा सके.
पहले चरण की सड़कों पर 95 फीसदा काम पूरा
भारत-चीन सीमा के पास पहले चरण की 25 सड़कों का निर्माण 3482.52 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शुरू किया गया था. इसमें से 95 फीसदी काम पूरा हो चला है. दूसरे चरण में 683.12 किमी की 32 सड़कों को 12434.90 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाने की मंजूरी सितंबर 2020 में दी गई थी. इनमें से 8 सड़कों पर शुरू किया गया है. सरकार ने बताया है कि इन कामो के लिए भूमि अधिग्रहण और अन्य वैधानिक मंजूरी की प्रक्रिया तेजी से पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि भारत चीन सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण और सुरक्षा के लिहाज से जरूरी निर्माण कार्य में किसी भी तरह को बाधा नही आने देने के निर्देश दिए गए हैं.
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