कई मांगों को लेकर तेलंगाना से चार ट्रेन बुक कराकर पहुंचे हजारों आदिवासियों ने सोमवार को यहां रामलीला मैदान में बड़ी रैली कर शक्ति प्रदर्शन किया. तेलंगाना के आदिलाबाद से भाजपा सांसद सोयम बापू राव के नेतृत्व में हुई इस रैली में आदिवासियों की सूची से लंबाडी समुदाय को हटाने के साथ 2006 में बने वनाधिकार कानून को लागू करने की मांग की गई. सांसद सोयम बापू राव ने आईएएनएस को बताया, "मंगलवार को सुबह दस बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मिलने का वक्त दिया है. उनके सामने सभी मांगें रखी जाएंगी. भाजपा आदिवासियों के हितों को लेकर संवेदनशील है. प्रधानमंत्री मोदी हमारी मांगें जरूर पूरा करेंगे, ऐसी उम्मीद है."
दिन में 11 बजे से शुरू हुई रैली दिन भर चलती रही. आदिवासियों से रामलीला मैदान भरा रहा. इस रैली में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र के भी आदिवासी नेता पहुंचे. भाजपा सांसद सोयम बापू राव ने कहा कि संयुक्त आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने 1976 में लंबाडी समुदाय को आदिवासियों की सूची में शामिल कर लिया, जबकि महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में इन्हें पिछड़ा माना जाता है.
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इस कारण दूसरे राज्यों के लंबाडी भी तेलंगाना में आदिवासियों को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ लेने के लिए बस रहे हैं. 1961 में तेलंगाना(तब आंध्र प्रदेश का हिस्सा) में मात्र 81366 लंबाडी थे, जिनकी आबादी 2011 की जनसंख्या के अनुसार अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 20 लाख 99524 हो गई. जबकि राज्य में मूल आदिवासी सिर्फ 14 लाख के करीब ही हैं. ऐसे में शिक्षा, नौकरी हो या अन्य तरह की सुविधाएं, उसका लाभ ताकतवर माने जाने वाले लंबाडी ज्यादा उठा रहे हैं.
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सोयम बापू राव ने कहा, "आदिवासी लिस्ट से लंबाडी को हटाने के साथ जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों को हक दिलाने जैसी मांगों को लेकर यह रैली हुई है. इसे भाजपा के सभी 42 आदिवासी सांसदों का समर्थन हासिल है. हालांकि संसद सत्र चलने के कारण सांसद रैली में नहीं आ सके." उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सुबह दस बजे मिलने के लिए बुलाया है. उनके सामने सभी मांगें रखीं जाएंगी.