भागलपुर दंगे के मुख्य आरोपी कामेश्वर प्रसाद यादव को पटना हाई कोर्ट ने निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया है। यादव को उम्र कैद की सजा मिली थी।
गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए भागलपुर की अदालत और पुलिस प्रशासन को कहा है कि कामेश्वर यादव को तत्काल जेल से रिहा किया जाए। यादव पिछले दस साल से भागलपुर की जेल में बंद है।
जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने कहा कि पूरी घटना की तफ्तीश करने के बाद भी अभी तक अभियुक्त के खिलाफ कोई तथ्य नहीं मिला है जिससे ये पता चल सके कि वो दंगों में शामिल था।
इससे पहले इस मामले पर दो जजों की पीठ के बीच मतभेद हो गया था।
जस्टिस धरणीधर झा ने 3 सितंबर 2015 को आरोपी को निर्दोष करार दिया था। लेकिन दूसरे जज ए अमानुल्लाह ने न्यायाधीश झा के फैसले पर असहमति जताई थी।
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जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह की पीठ के पास यादव के मामले को तब लाया गया जब
इसके बाद यादव का मामला तीसरे जज अश्वनी कुमार सिंह के पास सुनवाई के लिये भेजा गया।
कामेश्वर झा को दंगा होने के चार महीने के बाद 7 फरवरी 1990 को अभियुक्त बनाया बनाया गया था।
कामेश्वर प्रसाद यादव पर आरोप था कि वो भागलपुर दंगे में दो सौ लोगों के साथ 24 अक्तूबर, 1989 को बमबाज़ी करते हुए नसीरुद्दीन के घर आये और उसके 15 साल के बेटे कयामुद्दीन को लेकर चला गया और बाद में कयामुद्दीन की हत्या हो गई थी।
पुलिस के अनुसार शुरुआती जांच के बाद कामेश्वर यादव को छोड़ दिया गया था। लेकिन, तीन महीने बाद 7 फरवरी, 1990 को यादव के खिलाफ फिर एफआइआर दर्ज़ कर दी गई थी।
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Source : News Nation Bureau