झारखंड से राज्यसभा के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी और भारतीय जनता पार्टी के आदित्य साहु निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये हैं। झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव और रिटनिर्ंग ऑफिसर सैयद जावेद हैदर ने शुक्रवार को इन्हें निर्वाचन का प्रमाण पत्र सौंपा।
झारखंड में राज्यसभा का यह चुनाव कई वजहों से उल्लेखनीय माना जा रहा है। राज्य के 22 वर्षों के इतिहास में यह चौथी बार है, जब राज्यसभा के प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन हुआ है। इसके पहले वर्ष 2004 में भाजपा के यशवंत सिन्हा एवं झामुमो के स्टीफन मरांडी, वर्ष 2006 में कांग्रेस की माबेल रिबेलो एवं भाजपा के एसएस अहलुवालिया और 2014 में निर्दलीय परिमल नथवानी और राजद के प्रेमचंद गुप्ता निर्विरोध राज्य सभा के लिए चुने गये थे।
झामुमो ने हिंदी की जानी-मानी साहित्यकार और झारखंड महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष महुआ माजी को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाने की घोषणा की तो इसे अप्रत्याशित माना गया, क्योंकि एक तो उनका नाम पहले ही कभी इसके लिए चर्चा में नहीं था और दूसरी बात यह कि इस सीट के लिए झारखंड के सत्ताधारी गठबंधन में कांग्रेस की ओर से जोरदार दावेदारी की गयी थी। महुआ माजी को निर्वाचन का प्रमाण पत्र सौंपे जाने के दौरान राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर आलम, मिथिलेश ठाकुर, जोबा मांझी, बादल पत्रलेख, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय भी उपस्थित रहे।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा भेजे गये आदित्य साहु झारखंड प्रदेश भाजपा के महामंत्री हैं। पार्टी के साथ वह पहले बूथस्तरीय कार्यकर्ता के रूप में जुड़े थे। उनकी निष्ठा को देखते हुए उन्हें पार्टी संगठन में कई जिम्मेदारियां मिलीं। भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि पार्टी में साधारण कार्यकर्ताओं को सम्मान दिये जाने की परंपरा रही है और आदित्य साहु का निर्वाचन इसी परंपरा की एक कड़ी है।
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Source : IANS