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यूपी के मुसलमान भी अपने पिछड़े वर्गो के लिए जातिगत जनगणना की मांग कर रहे

यूपी के मुसलमान भी अपने पिछड़े वर्गो के लिए जातिगत जनगणना की मांग कर रहे

Updated on: 12 Sep 2021, 08:30 PM

लखनऊ:

जैसे-जैसे विभिन्न राजनीतिक दलों में जाति जनगणना की मांग जोर पकड़ रही है, उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय भी पिछड़ी जातियों की जाति गणना के लिए उत्सुक है।

मुस्लिम पिछड़े समुदायों को आरक्षण की सुविधा के लिए अभियान चला रहे अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम महाज ने अल्पसंख्यक समुदाय की भी जाति जनगणना कराने की मांग की है।

इस सिलसिले में आगे की कार्ययोजना तैयार करने के लिए हाल ही में 17 मुस्लिम संगठनों की बैठक हुई थी।

महाज के अध्यक्ष अली अनवर अंसारी ने कहा कि जाति की जनगणना केवल हिंदू समुदाय तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय तक भी होनी चाहिए, क्योंकि मुसलमान भी जाति व्यवस्था का पालन करते हैं।

अंसारी ने कहा, मुसलमान, हिंदुओं की तरह, विभिन्न जातियों और उपजातियों में विभाजित हैं। चूंकि 1931 से जाति जनगणना नहीं हुई है, यही कारण है कि सरकार की नीतियों का लाभ अपेक्षाकृत कमजोर वर्गों और छोटी जातियों तक नहीं पहुंच पाया है। पिछड़े वर्गों को पिछड़े और सबसे पिछड़े वर्गों में उपवर्गित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, उप-वर्गीकरण केंद्रीय स्तर पर किया जाना चाहिए और देश के बाकी हिस्सों में विस्तारित किया जाना चाहिए।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.