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'संभाजीनगर' पर महाराष्ट्र में रार, अठावले ने कहा गिर जाएगी उद्धव सरकार

शिवसेना लंबे समय से औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने की इच्छुक है, तो कांग्रेस समेत एआईएमआईएम इसकी मुखालफत कर अपनी राजनीति चला रही हैं.

Updated on: 04 Jan 2021, 02:37 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के परचम तले शिवसेना की उद्धव ठाकरे सरकार सहयोगी दल कांग्रेस की धमकियों को झेल रही है. सूबे की राजनीति में औरंगाबाद का खास स्थान है. शिवसेना लंबे समय से इसका नाम बदलकर संभाजीनगर करने की इच्छुक है, तो कांग्रेस समेत एआईएमआईएम इसकी मुखालफत कर अपनी राजनीति चला रही हैं. अब एक बार फिर इसी मसले पर कांग्रेस-शिवसेना के बीच तलवारें खिंच आई हैं. इस विवाद में एनडीए की सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख और केंद्र में मंत्री रामदास अठावले ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि शिवसेना अगर औरंगाबाद का नाम बदल कर संभाजीनगर करती है, तो उद्धव ठाकरे की सरकार गिर जाएगी.

गिर सकती है उद्धव सरकार : आठवले
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार की ओर से औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने की तैयारी पर मचे घमासान के बीच केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि औरंगाबाद का नाम बदलने पर महाराष्ट्र की शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा गठबंधन की सरकार गिर सकती है. महाराष्ट्र के शहर औरंगाबाद का नाम बदल कर संभाजीनगर करने की शिवसेना की कोशिशों का कांग्रेस ने भी विरोध किया है. रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास आठवले ने कहा कि राज्य में जल्द ही भाजपा के साथ उनकी पार्टी की सरकार बनेगी. आठवले ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में उद्धव ठाकरे सरकार को औरंगाबाद का नाम बदलने के विवाद में न पड़ने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि औरंगाबाद का नाम बदलने की कोशिशों का उनकी पार्टी विरोध करती है.

कांग्रेस ने जताया विरोध
गौरतलब है कि कांग्रेस ने औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर अपना रुख एक बार फिर दोहाराया तो वहीं उसके सहयोगी दल शिवसेना ने कहा कि नाम जल्द ही बदला जाएगा, लेकिन इससे महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार पर असर नहीं पड़ेगा. इससे पहले महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने कहा था कि वह मध्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर संभाजीनगर रखने का पुरजोर विरोध करेंगे. थोराट ने कहा कि कांग्रेस छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के प्रति श्रद्धा रखती है और इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए, लेकिन शहर का नया नाम रखे जाने के मुद्दे का उपयोग नफरत फैलाने और समाज में विभाजन के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

शिवसेना इस पर अड़ी
शिवसेना ने शनिवार को अपने मुखपत्र 'सामना' में कहा कि कांग्रेस ने औरंगाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव का विरोध किया, जिससे (विपक्षी) भाजपा खुश हो गई. संपादकीय में कहा गया है, 'कांग्रेस का प्रस्ताव का विरोध करना कोई नई बात नहीं है, लिहाजा इसे महा विकास अघाड़ी सरकार (एमवीए) से जोड़ना मूर्खता है.' संपादकीय में लिखा है, 'थोराट ने घोषणा की है कि अगर औरंगाबाद का नाम बदलने का कोई भी प्रस्ताव एमवीए सरकार के सामने आता है, तो उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी. यह उनका दावा है. उनके इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने शिवसेना से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग करना शुरू कर दिया है, लेकिन शिवसेना ने अपना रुख नहीं बदला है.'

अशोक चव्हाण भी बीच में कूदे
इस बीच कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता एवं राज्य में मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि शहर का नाम बदलना महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार की प्राथमिकता नहीं थी. चव्हाण ने कहा, 'यह तीन दलों की गठबंधन सरकार है और प्रत्येक दल का अपना अलग नजरिया है इसलिए हम सभी एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर साथ आए थे. नाम बदलना प्राथमिकता नहीं है.' इससे पहले दिन में शिवसेना नेता संजय राउत ने भरोसा जताया कि गठबंधन सहयोगियों के साथ वार्ता के माध्यम से इस मुद्दे का हल निकाल लिया जाएगा.