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महाराष्ट्रः गृहमंत्री के खिलाफ याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

परबीर सिंह ने अपनी याचिका में देशमुख पर पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग या ट्रांसफर में घपलेबाजी करने और सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं को फंसाने का आरोप लगाया है.

Updated on: 23 Mar 2021, 07:51 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट बुधवार को देशमुख के खिलाफ सुनवाई करेगा
  • अनिल देशमुख के खिलाफ दायर की गई है SC में याचिका
  • पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने डाली है याचिका

मुंबई:

सुप्रीम कोर्ट बुधवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख की ओर से किए गए कथित भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है. सिंह ने अपनी याचिका में देशमुख पर पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग या ट्रांसफर में घपलेबाजी करने और सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं को फंसाने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि देशमुख ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया है और उनके कृत्यों की निष्पक्ष सीबीआई जांच की जानी चाहिए. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और आर. सुभाष रेड्डी की एक पीठ सिंह की याचिका पर सुनवाई करेगी.

सिंह ने याचिका में कहा कि 22 फरवरी को सांसद मोहन डेलकर को मुंबई के होटल के कमरे में मृत पाया गया और 15 पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ और रिपोर्ट के बाद, उन्होंने मामले में जांच शुरू की और पुलिस विभाग के कानूनी प्रकोष्ठ से सलाह मांगी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री द्वारा भाजपा के कुछ नेताओं की भूमिका की जांच करने और किसी तरह उन्हें फंसाने के लिए दबाव डाला गया. यह प्रस्तुत किया गया है कि पूरे प्रकरण को राजनीतिक कोण देने के लिए जबरदस्त दबाव था. याचिकाकर्ता के अनुसार, हालांकि वह इस मामले में दबाव में नहीं आए.

याचिका में 100 करोड़ रूपये जमा कराने का दावा
याचिका में दावा किया गया था कि देशमुख ने उन्हें पुलिस में पोस्टिंग या तबादलों में भ्रष्टाचार सहित विभिन्न तरीकों से हर महीने 100 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य दिया था. देशमुख ने आरोप लगाया है कि उन्हें विभिन्न प्रतिष्ठानों और अन्य स्रोतों से धन इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया था. सिंह ने दावा किया कि पिछले साल अगस्त में रश्मि शुक्ला, कमिश्नर इंटेलिजेंस, स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट ने टेलिफोनिक इंटरसेप्शन के माध्यम से देशमुख द्वारा अपनाई गई पोस्टिंग या ट्रांसफर में भ्रष्ट कदाचार के बारे में जानकारी निकाली.

सीबीआई से निष्पक्ष जांच की अपील
वह इसे तत्कालीन पुलिस महानिदेशक के ध्यान में लाई, जिसने इसे अतिरिक्त गृह मुख्य सचिव के संज्ञान में लाया. हालांकि, देशमुख के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करने के बजाय शुक्ला को बाहर कर दिया गया. सिंह ने कहा कि मध्य मार्च के आसपास उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं को गृहमंत्री द्वारा किए गए कई दुर्व्यवहारों और दुर्भावनाओं के बारे में बताया था. उन्होंने कहा कि 20 मार्च को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया. सिंह ने देशमुख द्वारा किए गए विभिन्न कथित भ्रष्ट कदाचारों के संबंध में सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराने की अपील की.