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भीमा कोरेगांव हिंसा: दलित की मौत के बाद मुंबई-पुणे में तनाव बरकरार, भारिपा बहुजन महासंघ ने बुलाया महाराष्ट्र बंद

महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसक झड़प और आगजनी में एक युवक की मौत के पुणे, मुंबई समेत कई इलाकों में तनाव बना हुआ है।

Updated on: 03 Jan 2018, 12:14 AM

highlights

  • भीमा कोरेगांव हिंसा के बाद मुंबई में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
  • दलित की हत्या के बाद पुणे सहित कई शहरों में तनाव

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसक झड़प और आगजनी में एक युवक की मौत के बाद पुणे, मुंबई समेत कई इलाकों में तनाव बना हुआ है।

हिंसा के बाद भारिपा बहुजन महासंघ (बीबीएम) नेता प्रकाश अंबेडकर ने दलित युवक की मौत के बाद बुधवार को महाराष्ट्र बंद बुलाया है। बीबीएस मंगलवार को भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं बरसी पर हुई हिंसा को लेकर फडणवीस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा।

इस मामले में पुलिस ने 2 दक्षिणपंथी नेताओं को गिरफ्तार किया है जबकि मुंबई में अलग-अलग जगहों से करीब 100 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।

इस घटना को लेकर महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक में राजनीति भी तेज हो गई है और विपक्षी पार्टियां महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार को इसके लिए जिम्मेदार बता रही है।

राहुल गांधी का बीजेपी पर हमला

भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बीजेपी और आरएसएस पर हमला बोला है। राहुल ने ट्वीट कर लिखा, आरएसएस और बीजेपी भारत में फासीवादी दृष्टिकोण का केंद्रीय स्तंभ हैं और आज भी ये दलितों को अपने नीचे ही रखना चाहते हैं। रोहित वेमुला, ऊना और अब भीमा कोरेगांव हिंसा इसी फासीवादी सोच के प्रतीक हैं।

मायावती ने फडणवीस सरकार और आरएसएस को बताया जिम्मेदार

इस घटना पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा, 'वहां बीजेपी की सरकार है और उन्होंने ने ही हिंसा कराई है। ये जो घटना घटी है यह रोकी जा सकती थी। सरकार को वहां सुरक्षा का उचित प्रबंध करना चाहिए था।'

उन्होंने कहा, लगता है इस घटना के पीछे, बीजेपी, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है।

वहीं दूसरी तरफ दलितों के आंदोलन की वजह से मुंबई को पुणे से जोड़ने वाली ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर लंबा जाम लग गया है। मुंबई में सुरक्षा के लिहाज से अधिकांश स्कूल और कॉलेजों को बंद करा दिया गया है।

गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए मुंबई के चेंबूर सहित पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सुबह दलित समुदाय ने कई इलाकों में लोकल ट्रेनों की आवाजाही रोक दी थी। हालांकि अब हार्बर लाइन पर स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया है जबकि सीएसएमटी-कुर्ला और मानखुर्द में भी रेल सेवा को फिर से बहाल कर दिया गया है।

पुलिस अधिकारियों ने साफ किया है कि हिंसा की आशंका को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है लेकिन चेंबूर और आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू नहीं की गई है।

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खबरों के मुताबिक भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह के जश्न में शामिल होने जा रहे लोगों पर हमला किया गया था और कई गाड़ियों को जला दिया गया। इसी दौरान एक युवक की मौत हो गई जिसके बाद राज्य के कई हिस्सों में तनाव का माहौल बन गया।

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राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिंसा को लेकर न्यायिच जांच के आदेश दे दिए हैं। फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट से भी मामले की जांच की मांग की है। युवक की हत्या मामले की जांच सीआईडी को सौंपने का ऐलान भी महाराष्ट्र सरकार ने किया है। सीएम पडणवीस ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी ऐलान किया है।