शिवसेना, NCP और कांग्रेस को अपने विधायकों के टूटने का डर, सभी को होटल में भेजा गया
महाराष्ट्र में सियासत का रंग पल-पल बदल रहा है. एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस एकजुट हैं और अपने-अपने विधायकों को संभालने की कोशिश कर रहे हैं.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र में सियासत का रंग पल-पल बदल रहा है. एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस एकजुट हैं और अपने-अपने विधायकों को संभालने की कोशिश कर रहे हैं. तीनों दलों को विधायकों के टूटने का डर सता रहा है. इसलिए वो अपने-अपने विधायकों को अलग-अलग होटल में भेज दिया है. शिवसेना ने अपने विधयकों को होटल ललित में, कांग्रेस ने जेडबल्यू मैरिअट में अपने विधायकों को ठहराया है.
वहीं, एनसीपी ने अपने विधायकों को बस में भरकर होटल रेनेसां से हटाकर होटल हयात में शिफ्ट किया है. ताकि बीजेपी और एनसीपी के बागी गुट से विधायकों को बचाया जा सके.
Mumbai: Bus carrying Nationalist Congress Party (NCP) MLAs reaches Hotel Hyatt from Hotel Renaissance, where the MLAs were lodged earlier. #Maharashtra pic.twitter.com/31JKlC11fh
— ANI (@ANI) November 24, 2019
शिवसेना नेता सुभाष देसाई शिवसैनिक विधायकों से संपर्क बनाए हुए हैं. होटल की घेराबंदी की गई है और वहां से किसी विधायक को बाहर जाने की अनुमति नहीं है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के निर्देश पर विधायकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मिलिंद नार्वेकर संभाल रहे हैं.
उद्धव के उत्तराधिकारी आदित्य ठाकरे भी विधायकों से मिलकर उनका मनोबल बढ़ाने में जुटे हैं.
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एनसीपी में विधायकों को संभालने की जिम्मेदारी जितेंद्र अहवद संभाल रहे हैं. वह खासतौर से गणेश नाइक पर नजर रख रहे हैं, जिन्होंने चुनाव से पहले भाजपा से संपर्क साधने की कोशिश की थी. पार्टी प्रमुख शरद पवार स्वयं अपने विधायकों से मिल रहे हैं, जबकि मुंबई इकाई के प्रमुख नवाब मलिक और विधायक दल के नेता जयंत पाटिल होटल का लगातार चक्कर लगा रहे हैं.
वहीं, कांग्रेस अपने विधायकों की निगरानी के लिए दिल्ली से आए नेताओं पर निर्भर है. पार्टी ने शुरुआत में अपने विधायकों को मुंबई से बाहर किसी होटल में ठहराने की योजना बनाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने की उम्मीद व शरद पवार की सलाह पर पार्टी ने अपने विधायकों को मुंबई में ही ठहराने का निर्णय लिया.
कांग्रेस के विधायक खासतौर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण की निगरानी में हैं. इन दोनों की अनुमति के बिना कोई कांग्रेस विधायकों से नहीं मिल सकता.
कांग्रेस विधायकों को संभाले रखने का पूरा प्रबंध पार्टी के संकट मोचन माने जाने वाले अहमद पटेल संभाले हुए हैं. वह यहीं से कानूनी मामले देख रही दिल्ली टीम को भी निर्देश दे रहे हैं.
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बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीट में से शिवसेना को 56, कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीट मिली हैं. वहीं बीजेपी के पास 105 विधायक हैं. विश्वासमत के दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए -इत्तेहादुल मुस्लमिन, प्रहर जनशक्ति पार्टी और समाजवादी पार्टी के विधायकों की भूमिका भी अहम होगी. अगर, ये विधायक मतदान में हिस्सा नहीं लेते हैं तो बहुमत का आंकड़ा कम हो जाएगा.
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