पुणे में मुस्लिम महिलाओं ने ट्रिपल तलाक बिल के विरोध में मार्च किया और इसे वापस लेने की मांग की। उनका कहना है कि अल्लाह के कानून में बदलाव नहीं किया जाना चाहिये।
मोदी सरकार ने पिछले साल मुस्लिम समाज में चल रही तीन तलाक की परंपरा पर रोक लगाने के लिये मुस्लिम वीमन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज), 2017 बिल को राज्य सभा से बजट सत्र के दौरान पारित कराने की कोशिश कर रही है।
विरोध कर रही महिलाओं का कहना है, 'हम मांग करते हैं कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में किसी भी तरह का परिवर्तन न किया जाए। हमारे अल्लाह ने हमारे लिये जो कानून बनाया है वो हमारे लिये बहुत सही है। एक टाइम पर तीन तलाक है ही नहीं, ये लोगों ने गलतफहमी फैलाई है।'
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने हाथ में तख्ती लेकर विरोध जता रही है और उन तख्तियों पर 'हुकूमत बदल सकती है, शरीयत नहीं' 'हम ट्रिपल तलाक बिल को खारिज करते हैं' लिखा है।
इस बिल को लोकसभा में 2017 के शीतकालीन सत्र के दौरान दिसंबर में पारित कराया गया था। लेकिन राज्य सभा में विपक्ष इसे सेलेक्ट कमेटी को भेजे जाने की मांग कर रहा है। सरकार विपक्ष की इस मांग को मानने के लिये तैयार नहीं है।
हालांकि मुस्लिम महिलाओं और भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (बीएमएमए) ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।
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Source : News Nation Bureau