Advertisment

किसी को आमंत्रित करना राज्यपाल का विशेषाधिकार, बोले राजनाथ सिंह

महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस के बीच उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर सहमति बनने के बाद नाटकीय ढंग से देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री और अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि

author-image
Deepak Pandey
New Update
किसी को आमंत्रित करना राज्यपाल का विशेषाधिकार, बोले राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

Advertisment

महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस के बीच उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर सहमति बनने के बाद नाटकीय ढंग से देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री और अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि यह राज्यपाल का विशेषाधिकार है कि वह किसे आमंत्रित करते हैं. राजनाथ से एक कार्यक्रम से इतर जब संवाददाताओं ने महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा, "इस समय जिस कार्यक्रम में यहां पर आया हूं, कोई राजनीतिक बात नहीं कहना चाहता. यह राज्यपाल का विशेषाधिकार था. संतुष्ट होने पर राज्यपाल को जिसे आमंत्रित करना था, उन्होंने आमंत्रित किया.''

बाद में राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर फडणवीस और पवार को बधाई दी. उन्होंने कहा, ''मुझे पूरा विश्वास है कि वे राज्य की प्रगति और संपन्नता के लिए मिलकर कार्य करेंगे.'' इससे पहले राजनाथ ने यहां एएमसी स्टेडियम में रक्षा पेंशन अदालत की शुरुआत की. उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "देश को अपनी सशस्त्र सेनाओं पर गर्व है और पूर्व सैनिकों पर भी गर्व है जो आवश्यकता पड़ने पर उसी विश्वास के साथ अभी भी अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकते हैं. मुझे पूरा विश्वास है."

रक्षा मंत्री ने स्टेडियम में लगाए गए विभिन्न स्टॉल देखे और पूर्व सैनिकों तथा शहीद सैनिकों की पत्नियों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब्दुल हमीद और मनोज पांडे जैसे योद्धाओं की जन्मस्थली रहा है और पूरा देश इन योद्धाओं का ऋणी रहेगा. राजनाथ ने कहा कि जहां तक रक्षा पेंशन का प्रश्न है, स्वीकृति से लेकर पेंशन वितरित करने तक की प्रक्रिया पेचीदा है. हो सकता है कि आपको वह पेंशन न मिले, जो मिलनी चाहिए. देशभर में पेंशन अदालतों के संचालन का फैसला इसलिए लिया गया, ताकि हमारे रिटायर हो चुके वरिष्ठों को पेंशन के मुद्दे पर किसी तरह का तनाव न हो.

उन्होंने कहा कि सरकार ने गठन के कुछ महीने में ही ‘वन रैंक वन पेंशन’ की शुरुआत की, जो करीब 30-40 साल से अटका हुआ था. रक्षा मंत्री ने कहा कि आज देश ऊंचाइयां छू रहा है तथा इसमें सेना और जवानों का सबसे बड़ा योगदान है. अगर देश सुरक्षित नहीं रहेगा तो विकास संभव नहीं है.'' उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि युवा सशस्त्र सेनाओं में शामिल होने को उत्सुक हैं और ''देश के जिस हिस्से में भी मैं जाता हूं तो आग्रह किया जाता है कि सेना के लिए भर्ती कैम्प आयोजित किए जाने चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि यह सब इस सच्चाई के बावजूद है कि सेना में आने के बाद गोली, बम और आतंकवादियों का सामना करना पड़ सकता है.'' रक्षा पेंशन अदालत, प्रधान रक्षा लेखा नियंत्रक :पेंशन: प्रयागराज ने मुख्यालय, मध्य कमान के साथ मिलकर आयोजित की है. पेंशन अदालत का मकसद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में सशस्त्र सेनाओं के सेवानिवृत्त वरिष्ठ लोगों और उनके परिवार वालों की पेंशन से जुड़ी शिकायतों के समाधान का है.

राजनाथ ने एक अन्य कार्यक्रम में फिक्की की महिला प्रकोष्ठ सदस्यों से भी मुलाकात की. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि फिक्की महिला प्रकोष्ठ के सदस्यों के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई. अगर भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है तो महिला उद्यमियों को बडे़ पैमाने पर प्रोत्साहित करना होगा. महिला कार्यबल की सक्रिय सहभागिता के बिना यह सपना संपूर्ण नहीं हो सकता.

Source : Bhasha

maharashtra CM Devendra Fadnavis Ajit Pawar rajnath-singh
Advertisment
Advertisment
Advertisment