महाराष्ट्र में चल रहे सियासी ड्रामे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तस्वीर पूरी तरह बदल गई है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra fadnavis) ने राज्यपाल से मुलाकात कर सीएम पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इससे पहले मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि डिप्टी सीएम अजीत पवार (Ajit pawar) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने शिवसेना-बीजेपी को बहुमत दिया था. लेकिन शिवसेना ने नतीजों के बाद अपना मन बदल दिया. शिवसेना से बीजेपी ने ढाई-ढाई साल का वादा नहीं किया था. हमने पहले ही अपना रूख उनके सामने साफ कर दिए थे. अमित शाह ने साफ किया था कि मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा.
उन्होंने आगे बताया कि लेकिन शिवसेना ने अपना रूख बदल लिया. हमसे बात करने की बजाय उन्होंने कांग्रेस-एनसीपी से बात की. शिवसेना ने अपने विकल्प खुले रखे थे. बिना विचारधारा वाले पार्टियों के साथ उन्होंने गठबंधन किया. बीजेपी को सत्ता से दूर रखने की पूरी कोशिश की गई.
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देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि जनता ने शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को चुना था. हमारे पास 105 विधायक हैं. गठबंधन को जनादेश मिला था. हमने सरकार बनाने की कोशिश की.
देवेंद्र फडणवीस ने पीसी में बताया, 'अजित पवार ने कहा कि सरकार बनाने के लिए हम आपका साथ देंगे, ताकि स्थाई सरकार बन सके.'
उन्होंने आगे कहा कि लेकिन जब बहुमत साबित करने की बात आई तो अजित पवार ने मुझसे मिलकर कहा मैं गठबंधन जारी नहीं रख सकता और अलग होने की बात कही. उन्होंने कहा कि अब हमारे पास बहुमत नहीं है.
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इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अब हमारे पास बहुमत नहीं है. अल्पमत होने की वजह से अब मैं राज्यपाल के पास जाकर इस्तीफा सौंप दूंगा.
देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेान पर हमला करते हुए कहा कि शिवसेना नेता लाचारी में सोनिया गांधी के सामने नतमस्तक हो गए. हमें उम्मीद है कि नई सरकार अच्छा काम करेगी. लेकिन तीन पहियों वाली सरकार चलना काफी मुश्किल है. उन्होंने आगे कहा कि शिवसेना उन वादों को लेकर अड़ गई थी जिन्हें बीजेपी ने किया ही नहीं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो