महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार महज तीन दिन के भीतर गिर गई. जिसके बाद अब पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ विरोध के शुरू उठने लगे हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 20-25 सीटें और जीते जा सकते थे अगर वह और कुछ पार्टी नेता चुनाव अभियान में सक्रिय रूप से शामिल होते. एकनाथ खडसे ने कहा कि उन्हें, चंद्रशेखर बवानकुले, विनोद तावडे और कुछ अन्य नेताओं को जानबूझकर चुनाव अभियान से अलग रखा गया. जिसकी वजह से पार्टी को नुकसान हुआ.
बता दें कि एकनाथ खडसे राजस्व मंत्री रह चुके हैं. भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद साल 2016 में फडणवीस सरकार से इस्तीफा दिया था. विधानभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें, चंद्रशेखर बवानकुले, विनोद तावडे और कुछ अन्य नेताओं को जानबूझकर राज्य चुनाव अभियान से अलग रखा गया. इस फैसले की कीमत पार्टी को चुकानी पड़ी.
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खडसे ने कहा, 'हम लोग और अच्छी तरह चुनाव अभियान में शामिल हो सकते थे और बीजेपी को कम से कम 20 से 25 अधिक सीटों पर जीत मिलती.’
पूर्व राजस्व मंत्री ने कहा, 'हमने इस मामले को अपने वरिष्ठ नेताओं के सामने पहले भी उठाया था.’
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि पहले बीजेपी एनसीपी नेता अजित पवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत की बात की थी और फिर उनके साथ मिलकर सरकार बनाई, तब उन्होंने कहा कि लगता है कि हमने उसे (सबूतों को) कूड़े के ढेर में फेंक दिया है.’
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरी निजी राय है कि बीजेपी को अजित दादा पवार का समर्थन नहीं लेना चाहिए था. वह सिंचाई घोटाले में आरोपी हैं और कई दूसरे मामले भी दर्ज हैं.'
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अब शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र की कमान संभालने जा रहे हैं. 28 नवंबर को शिवाजी पार्क में भव्य समारोह के बीच मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. बुधवार को एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना विधायकों की बैठक हुई. जिसमें सीट बंटवारे पर फार्म्यूला तय हुआ. एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, तीनों दलों की बैठक में मंत्रियों के नाम पर चर्चा हुई है. इस मीटिंग में तीनों दल के नेताओं के बीच एक राय बनी. तीनों दलों से एक या दो मंत्री शपथ लेंगे. 3 दिसंबर को बहुमत साबित करने के बाद आगे मंत्रिमंडल का विस्तार होगा.