इतिहास के वीर योद्धा महाराणा प्रताप की जयंती पर जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

उनका जन्म 9 मई 1540 को हुआ था. सोलहवी शताब्दी के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे.

author-image
yogesh bhadauriya
एडिट
New Update
इतिहास के वीर योद्धा महाराणा प्रताप की जयंती पर जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

आज महाराणा प्रताप की जयंती है.

इतिहास के महान योद्धा और मेवाड़ के महान हिंदू शासक महाराणा प्रताप की आज जयंती है. उनका जन्म 9 मई 1540 को हुआ था. सोलहवी शताब्दी के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे. आइए आज उनकी जयंती के मौके पर जानें उनसे जुड़ी कुछ अहम बातें..

Advertisment

महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के कुम्भलगढ़ में 9 मई, 1540 ई. को हुआ था. इतिहास के पन्नों में महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर के बीच लड़ा गया हल्दीघाटी का युद्ध बहुत चर्चित है. क्योंकि अकबर और महाराणा प्रताप के बीच यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी सिद्ध हुआ था. आपको बता दें कि यह जंग 18 जून साल 1576 में चार घंटों के लिए चली थी.

हल्दी घाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के पास सिर्फ 20,000 सैनिक थे और अकबर के पास 85,000 सैनिक थे. इसके बावजूद महाराणा प्रताप ने हार नहीं मानी और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते रहे.

महाराणा प्रताप के भाले का वजन 81 किलो का था. वही उन्होंने अपनी छाती पर जो कवच पहना था उसका वजन 72 किलो का था. दो तलवारों का वजन मिलाकर 208 किलो था. महाराणा प्रताप के पास एक घोड़ा था जो उन्हें सबसे प्रिया था. जिसका नाम चेतक था. बता दें,. उनका घोड़ा चेतक भी काफी बहादुर था.

क्या है हल्दीघाटी युद्ध

यह मध्यकालीन इतिहास का सबसे चर्चित युद्ध है, जिसमें मेवाड़ के राणा महाराणा प्रताप और मानसिंह के नेतृत्व वाली अकबर की विशाल सेना का आमना-सामना हुआ था. ये युद्ध 18 जून 1576 में लड़ा गया था.

चार घंटे चला था युद्ध

आज भी इस बात पर लगातार बहस होती रही है कि इस युद्ध में अकबर की जीत हुई या महाराणा प्रताप ने जीत हासिल की? इस मुद्दे को लेकर कई तथ्य और रिसर्च सामने भी आए हैं. कहा जाता है कि लड़ाई में कुछ भी निष्कर्ष नहीं निकला था. हालांकि आपको बता दें कि यह जंग 18 जून साल 1576 में चार घंटों के लिए चली थी. इस पूरे युद्ध में राजपूतों की सेना मुगलों पर बीस पड़ रही थी और उनकी रणनीति सफल हो रही थी.

मुगलों का हो गया था कब्जा

इस युद्ध के बाद मेवाड़, चित्तौड़, गोगुंडा, कुंभलगढ़ और उदयपुर पर मुगलों का कब्जा हो गया था. सारे राजपूत राजा मुगलों के अधीन हो गए और महाराणा को दर-बदर भटकने के लिए छोड़ दिया गया. महाराणा प्रताप हल्दीघाटी के युद्ध में पीछे जरूर हटे थे लेकिन उन्होंने मुगलों के सामने घुटने नहीं टेके. बल्कि वह एक बार फिर से अपनी शक्ति जुटाकर मुगलों से लौहा लेने की तैयारी में जुट गए थे.

Source : News Nation Bureau

maharana pratap image maharana pratap quotes maharana pratap jayanti 2019 Maharana Pratap Jayanti
      
Advertisment