Advertisment

एक और घोटाला? महाराष्ट्र में विपक्ष ने की मंत्री अब्दुल सत्तार को बर्खास्त करने की मांग

एक और घोटाला? महाराष्ट्र में विपक्ष ने की मंत्री अब्दुल सत्तार को बर्खास्त करने की मांग

author-image
IANS
New Update
Maharahtra Oppoition

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

महाराष्ट्र में विपक्ष ने कथित तौर पर एक और भूमि घोटाले में सोमवार को कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के इस्तीफे की मांग की। वह हाल ही में राकांपा सांसद सुप्रिया सुले के बारे में अपशब्द कहने को लेकर चर्चा में रहे थे।

बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा अब्दुल सत्तार के खिलाफ वाशिम में पशु-चराई (गैरन) के लिए आरक्षित 37-एकड़ भूखंड के नियमितीकरण के एक सिविल कोर्ट के आदेश के बावजूद एक निजी व्यक्ति का पक्ष लेते हुए उसके विपरीत आदेश दिया।

विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा कि जब अब्दुल सत्तार पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी (एमवीए) शासन में राजस्व राज्यमंत्री थे, उस समय उन्होंने आदेश पारित किया था, यह जानते हुए भी कि वाशिम के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने निजी संपत्ति के दावे को अप्रैल 1994 में खारिज कर दिया था।

पवार ने अन्य विपक्षी विधायकों के साथ कहा, यह 150 करोड़ रुपये का घोटाला है और इसलिए सत्तार को तुरंत कैबिनेट से बर्खास्त किया जाना चाहिए।

विपक्ष ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से अब्दुल सत्तार को उनके निर्वाचन क्षेत्र सिल्लोड, औरंगाबाद में एक कृषि-मेले के आयोजन के लिए कृषि विभाग को भारी धन इकट्ठा करने के लिए कहा था।

इससे पहले, पवार ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया था, जिसे खारिज कर दिया गया, लेकिन अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने उन्हें इस मामले पर बोलने की अनुमति दी।

राकांपा के वरिष्ठ नेता दिलीप वाल्से-पाटिल ने इस तरह की गैरन भूमि से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया और कहा कि चूक के लिए मंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि 11 जनवरी को होने वाली सुनवाई में हाईकोर्ट से क्लीन चिट मिलने तक अब्दुल सत्तार को पद से हटाया जाए।

फडणवीस ने जवाब दिया कि सरकार हाईकोर्ट के आदेश की जांच करेगी और तब उचित कार्रवाई करेगी। कृषि मेले के लिए धन संग्रह करने के लिए कहने के आरोप पर उन्होंने आश्वासन दिया कि गलत काम के लिए किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

इस मुद्दे पर तीखी नोकझोंक होने पर अध्यक्ष ने सोमवार को सदन की कार्यवाही दोपहर में एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।

हाईकोर्ट ने हाल ही में योगेश खंडारे के पक्ष में फैसला देते हुए अब्दुल सत्तार के आदेश पर रोक लगा दी। दो याचिकाकर्ताओं - श्याम देओले और उमेश पोफले द्वारा दायर एक याचिका में दावा किया गया है कि मंत्री ने वाशिम की अदालत के आदेश की अवहेलना की है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment