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महाराष्ट्र सदन घोटाला: मंत्री छगन भुजबल और उनके परिजन बरी

महाराष्ट्र सदन घोटाला: मंत्री छगन भुजबल और उनके परिजन बरी

Updated on: 09 Sep 2021, 07:00 PM

मुंबई:

महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, उनके बेटे पंकज और भतीजे समीर, और पांच अन्य को गुरुवार को एक विशेष अदालत ने नई दिल्ली में महाराष्ट्र सदन और अन्य परियोजनाओं से संबंधित कथित भ्रष्टाचार के मामलों में सबूतों की कमी के लिए आरोपमुक्त कर दिया है।

विशेष न्यायाधीश एच.एस. सतभाई ने अपने जुलाई के आदेश में पूर्व पीडब्ल्यूडी इंजीनियर अरुण देवधर, निर्माण कंपनी के.एस. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दायर मामले में चमनकर एंट के अधिकारी प्रसन्ना चमनकर, कृष्णा चमनकर, प्रवीना चमनकर और प्रणीता चमनकर को भी बरी कर दिया है।

2005 के सौदे से संबंधित एसीबी का मामला फर्म के.एस. चमनकर एंट, बिना टेंडर मांगे जब छगन भुजबल राज्य में तत्कालीन कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे।

भुजबल परिवार ने इस आधार पर आरोपमुक्त करने की मांग की थी कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोई सबूत नहीं है और एसीबी मामले में उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप गलत गणना और धारणाओं के आधार पर फर्जी थे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.