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पन्ना : आदिवासी की जमीन कांग्रेसी नेता के रिश्तेदार के खरीदने के मामले ने तूल पकड़ा

पन्ना : आदिवासी की जमीन कांग्रेसी नेता के रिश्तेदार के खरीदने के मामले ने तूल पकड़ा

Updated on: 07 Oct 2021, 07:45 PM

पन्ना:

मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों द्वारा खरीदे जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। यह जमीन खरीदने वालों में कांग्रेस के एक बड़े नेता के रिश्तेदार भी शामिल हैं। यही कारण है कि भाजपा उन पर सीधे हमले बोल रही है। दूसरी ओर कांग्रेस इस मामले को राजनीतिक विद्वेष का कारण करार दे रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पन्ना जिले के मंडला गांव में श्यामलिया, महादेव, सरजू छोटे कुम्हार से सवाई माधोपुर राजस्थान के निवासी खिलाड़ी लाल और रंजीत सिंह ने जमीन खरीदी थी। इस जमीन का नामांतरण तत्कालीन तहसीलदार ने कर दिया। इतना ही नहीं, मंडला में ही सवाई माधोपुर निवासी रामकेश मीणा ने भी मनुआ कौंदर से जमीन खरीदी, यहां खरीदार और विक्रेता दोनों को एक ही जाति का बताया गया।

जानकारों का कहना है कि मध्यप्रदेश में मीणा जाति को जनजाति का दर्जा हासिल नहीं है, जबकि यह जाति राजस्थान में अनुसूचित जाति कैटेगरी में आती है। साथ ही राज्य में यह नियम है कि अगर किसी आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी खरीदता है, तो उसे कलेक्टर या कमिश्नर से अनुमति लेना होती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ।

सूत्रों की माने तो रामकेश मीणा ने यह जमीन बेचने के लिए जनवरी 2021 में कलेक्टर के यहां आवेदन दिया और उसमें जिक्र किया कि वह राजस्थान में रहता है, लिहाजा उसे कृषि करने में परेशानी आ रही है और वह इस जमीन का विक्रय करना चाहता है। रामकेष जमीन जिसे बेचना चाहता है, वह स्थानीय कांग्रेसी नेता और राज्य के कददावर कांग्रेस नेता से काफी निकटता है। साथ ही यह जमीन कांग्रेस नेता के रिश्तेदार रंजीत सिंह द्वारा खरीदी गई जमीन के नजदीक है।

भाजपा के जिला अध्यक्ष राम बिहारी चौरसिया, महामंत्री राजेश वर्मा सहित तमाम नेताओं ने आरोप लगाया है कि कूटनीतिक दस्तावेजों के जरिए गरीबों की जमीन हड़पने का कार्य किया गया है। इसकी उच्च स्तरीय जांच हो क्योंकि यह आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है।

सूत्रों का दावा है कि मूल रूप से सवाई माधवपुर निवासी और वर्तमान में मुंबई में रहने वाले रंजीत सिंह कांग्रेस के एक बड़े नेता के रिश्तेदार हैं, होटल कारोबारी है और उन्होंने यह जमीन खरीदी है।

कांग्रेस की पूर्व जिलाध्यक्ष दिव्या रानी सिंह का कहना है कि उन्होंने भाजपा के स्थानीय नेता के खिलाफ आवाज उठाई थी। उसी के बाद से प्रशासन ने उनके खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई शुरू की है। उनके पास एक जमीन का पटटा है, उसके निर्माण कार्य केा भी प्रषासन ने हटा दिया है और होटल भी गिराने की बात कही जा रही है। प्रशासन सुनवाई को तैयार नहीं है ।

इसके साथ ही आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों द्वारा खरीदे जाने के मामले पर कुछ भी नहीं बोला, मगर यह कहा कि उनके पास सभी वैधानिक कागजात है।

पन्ना के जिलाधिकारी संजय मिश्रा के अनुसार किसी भी आदिवासी की जमीन को गैर आदिवासी कलेक्टर या कमिश्नर की अनुमति के बगैर नहीं खरीद सकता है। गैर आदिवासी द्वारा आदिवासी की जमीन खरीदने की शिकायत आई ह,ै जो न्यायालय में विचाराधीन है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.