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भ्रष्टाचार के मामले में पी चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम और अन्य चार के खिलाफ सीबीआई की तरफ से जारी लुक आउट सर्कुलर पर मद्रास हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस प्रथम द्रष्ट्या ये गैरज़रूरी करार दिते हुए रोक लगाई है।
लुक आउट सर्कुलर के खिलाफ कार्ती चिदंबरम की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दुराई स्वामी ने अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार को जवाब देने के लिये भी कहा है।
कार्टी के सहयोगी सीबीएन रेड्डी, रवि विश्वनाथन, मोहनन राजेश और एस बालाकृष्णन को भी इस मामले में राहत मिली है।
कोर्ट ने पाया कि सर्कुलर नोटिस भेजने के एक दिन बाद ही जारी किया गया है। जिसमें कहा गया था कि 29 जून को कार्ती को पूछताछ के लिये पेश होना है। जज ने कहा, 'ये... कोर्ट के अनुसार प्रथम द्रष्ट्या ये गैरज़रूरी था।'
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अन्य चार लोगों के खिलाफ भेजे गए सर्कुलर को भी कोर्ट ने प्रथम द्रष्ट्या ये गैरज़रूरी करार देते हुए रोक लगा दी।
कोर्ट ने रोक लगाने के लिये प्रथम द्रष्ट्या हालात को संज्ञान में लिया। जज दुराईस्वामी ने कहा, 'लुक आउट सर्कुलर पर तब तक रोक लगी रहेगी जब तक कि रिट पिटीशन्स पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है।'
हालांकि कोर्ट ने कार्ती चिदंबरम और दूसरे आरोपियों को निर्देश दिया है कि वो पूछताछ और जांच में सहयोग करें। साथ ही कहा है कि वो बाहर या विदेश जा रहे हैं तो जाने और वापस आने के समय की जानकारी तीन दिन पहले देंगे।
16 जून को फ़ॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन आधिकारी ने कार्ती के खिलाफ और अन्य चार लोगों के खिलाफ 18 जून को सर्कुलर जारी किया था।
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उन्होंने कहा कि समन जारी होने पर जवाब भी दिया था ऐसे में इस मामले में इस तरह सर्कुलर जारी करने की कार्रवाई को गैर जरूरी करार दिया।
कार्ती के पिता पी चिदंबरम जब भारत के वित्त मंत्री हुआ करते थे तब आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश के लिये एफआईपीबी क्लियरेंस में अनियमितताएं करने का आरोप है।
सीबीआई का दावा है कि विदेशी निवेश के लिये तैयार प्रस्ताव में कई गड़बड़ियां थीं लेकिन उसके बावजूद चिदंबरम ने उसकी अनुमति दे दी थी।
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Source : News Nation Bureau