मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (तस्माक) को 6 जनवरी तक निजी डिस्टिलरी और ब्रुअरीज के साथ किए गए अनुबंधों की प्रतियों सहित खरीद विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
तस्माक ने विवरण देने के लिए अदालत के पहले के निर्देशों पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए न्यायमूर्ति अनीता सुमंत की पीठ ने उसे लागत के रूप में चेन्नई के अदयार में कैंसर संस्थान को 10,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।
तमिलनाडु सूचना आयोग द्वारा निजी डिस्टिलरी और ब्रुअरीज से खरीदी गई शराब की मात्रा के संबंध में उनकी आरटीआई क्वेरी को खारिज करने के बाद कोयंबटूर के अधिवक्ता लोगनाथन द्वारा दायर एक रिट याचिका के बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया।
अधिवक्ता ने मई 2015 में आरटीआई अधिनियम के तहत एक आवेदन पेश किया, जिसमें 2013-14 और 2014-15 की अवधि के दौरान तमिलनाडु सरकार द्वारा शराब की बिक्री के माध्यम से उत्पन्न आय से संबंधित छह प्रश्नों की जानकारी मांगी गई थी।
जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उन्होंने 2017 में तमिलनाडु राज्य सूचना आयोग से संपर्क किया। तस्माक के जनसूचना अधिकारी ने कर्मचारियों के भुगतान, किराये के खर्च और अन्य प्रशासनिक खर्चो सहित उनके छह प्रश्नों में से पांच का जवाब दिया। हालांकि, पीआईओ ने यह कहते हुए निजी डिस्टिलरी और ब्रुअरीज से खरीद की मात्रा और खर्च की गई राशि के बारे में सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया कि इससे तीसरे पक्ष के वाणिज्यिक हित प्रभावित होंगे।
इसके बाद अधिवक्ता ने मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया और याचिका पर अंतिम सुनवाई 2 दिसंबर, 2022 को हुई, लेकिन तस्माक के स्थायी वकील ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि विवरण का खुलासा नहीं किया जा सकता।
तब न्यायाधीश ने तस्माक के प्रबंध निदेशक को तस्माक के साथ निजी डिस्टिलरीज और ब्रुअरीज के बीच किए गए अनुबंध की प्रतियां और खरीदी गई मात्रा के साथ-साथ इसकी कीमत भी जमा करने का निर्देश दिया।
इसके बाद भी तस्माक ने सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को ब्योरा नहीं दिया और अब जस्टिस सुमंत ने तस्माक को बिना चूके 6 जनवरी को ब्योरा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
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Source : IANS