मद्रास उच्च न्यायालय ने पिछड़ी जातियों और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण देने के संवैधानिक आदेश का उल्लंघन किए जाने के कारण पुडुचेरी में तीन चरणों में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव पर सोमवार को रोक लगा दी। चुनाव 2, 7 और 13 नवंबर को होना था।
न्यायमूर्ति आर. महादेवन और न्यायमूर्ति अब्दुल कुद्दोज की खंडपीठ ने द्रमुक विधायक आर. शिवा द्वारा दायर एक याचिका पर अंतरिम स्थगन आदेश जारी किया। शिवा ने अदालत के समक्ष प्रार्थना की थी कि चुनाव प्रक्रिया को 21 अक्टूबर तक स्थगित रखा जाए।
इसने मामले को मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष भी रखा गया।
पीठ ने आदेश में कहा, आगे की सभी कार्यवाही स्थगित रखी जाएगी और अगली सुनवाई के लिए मामला 21 अक्टूबर को पहली पीठ के समक्ष रखने और जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
मुख्य न्यायाधीश बनर्जी की अध्यक्षता वाली पीठ ने पुडुचेरी सरकार और राज्य चुनाव आयोग को स्थानीय निकाय चुनावों के संबंध में उसके समक्ष पेश रिट याचिकाओं में बताई गई विसंगतियों को दूर करने और ठीक करने की अनुमति दी थी।
पीठ ने कहा, हालांकि, विसंगतियों को ठीक करने के बजाय बीसी और एसटी को आरक्षण देने की अधिसूचना को रद्द कर दिया गया।
2, 7 और 13 नवंबर को तीन चरणों में पांच नगर पालिकाओं और 10 कम्यून पंचायतों के चुनावों को पुनर्निर्धारित करने के लिए एक नई चुनाव अधिसूचना जारी की गई थी। महिलाओं और अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण के आदेश का अनुपालन न किए जाने के बाद 21, 25 और 28 अक्टूबर को चुनाव कराने की मूल अधिसूचना को रद्द कर दिया गया।
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Source : IANS