मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पंजीकरण महानिरीक्षक को तमिलनाडु पंजीकरण अधिनियम, 1975 के तहत स्थापित सभी पंजीकृत समितियों की गतिविधियों का निरीक्षण करने और अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
पांडियन मनोरंजन क्लब, कोमलेश्वरनपट्टी (चेन्नई) द्वारा दायर एक रिट याचिका का निपटारा करते हुए न्यायमूर्ति एस.एम. सुब्रमण्यम ने निबंधन महानिरीक्षक को 12 सप्ताह में कार्य पूरा करने का आदेश दिया।
अदालत ने पुलिस महानिदेशक को यह भी निर्देश दिया कि वे राज्यभर में उन समितियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी साझा करें जो अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं और अपने उपनियमों के प्रावधानों के खिलाफ काम कर रही हैं।
पंजीकरण महानिरीक्षक को या तो क्षेत्राधिकार वाले जिला पंजीयकों के माध्यम से या एक विशेष टीम का गठन करके निरीक्षण करने के लिए कहा गया था, और अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए गए और उनके उप-नियमों के प्रावधानों के खिलाफ सोसायटियों के पंजीकरण को रद्द करने का सख्ती से आदेश दिया गया था।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा कि पुलिस समय-समय पर निरीक्षण कर रही है और ऐसे क्लबों और सोसाइटियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर रही है जो अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं, क्योंकि वह पंजीकरण विभाग के खिलाफ इन सोसाइटियों और क्लबों के परिसरों में समय-समय पर निरीक्षण नहीं करने के बाद भी सख्त हो गए थे। उनके खिलाफ शिकायत की थी।
उन्होंने कहा, पंजीकरण विभाग के खिलाफ आम शिकायत यह है कि विभाग न तो समय-समय पर निरीक्षण कर रहा है और न ही ऐसी कई सोसाइटियों में गैरकानूनी और अवैध गतिविधियों के दिखाई देने के बाद भी पंजीकरण रद्द करने के लिए कोई कार्रवाई शुरू कर रहा है।
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Source : IANS