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मद्रास हाईकोर्ट ने शराब की दुकानों में कांच की बोतलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

मद्रास हाईकोर्ट ने शराब की दुकानों में कांच की बोतलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

Updated on: 09 Feb 2022, 08:25 PM

चेन्नई:

मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार द्वारा संचालित शराब की दुकानों में शराब बेचने के लिए कांच की बोतलों के इस्तेमाल के खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति डी. भरत चक्रवर्ती की मद्रास उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने प्रवेश चरण में ही श्रीरंगम के रंगराजन नरसिम्हन द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

जनहित याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि कांच की बोतलों के इस्तेमाल के खिलाफ कोई कानून नहीं है और शराब में इस्तेमाल होने वाली कांच की बोतलों के खिलाफ किसी भी निर्देश का असर कांच की बोतलों में अन्य उपभोग्य सामग्रियों की बिक्री पर पड़ेगा।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि कांच की बोतलें किसानों के लिए समस्या पैदा कर रही हैं, क्योंकि शराब का सेवन करने वाले लोग खेतों के किनारे शराब पीते हैं और फिर बोतलों को खेतों में ही फेंक देते हैं। इससे किसानों को टूटी कांच की बोतलों के कारण खेतों की सफाई करनी पड़ती है और उनके लिए यह एक बड़ी परेशानी बन जाती है।

वादी ने यह भी कहा कि एक अध्ययन है कि कांच प्लास्टिक से अधिक खतरनाक होता है और इसलिए अदालत को शराब की बोतल में इस्तेमाल होने वाली कांच की बोतलों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाना चाहिए। हालांकि अदालत इससे सहमत नहीं हुई और इसने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.