मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने 2014 में मदुरै सरकारी राजाजी मेडिकल कॉलेज परिसर में चूहे द्वारा काटे जाने वाली एक महिला को 25,000 रुपये का मुआवजा दिया है।
महिला मुथुलक्ष्मी ने अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि 23 जनवरी 2014 को जब उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज मदुरै में भर्ती कराया गया तो उसे चूहे ने काट लिया था और इसके बाद उन्हें सूजन और दर्द हुआ।
सरकारी वकील ने याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि चूहे द्वारा काटे जाने के एक हफ्ते बाद ही महिला ने घटना की जानकारी दी थी।
हालांकि, न्यायमूर्ति सी.वी. कार्तिकेयन ने सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उन्होंने याचिकाकर्ता के वकील द्वारा पेश की गई उस दिन की अखबार की खबरों पर ध्यान दिया है।
न्यायाधीश ने यह भी बताया कि तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक ने समाचार पत्रों को बताया था कि नाले में रुकावट के कारण चूहों का खतरा था।
न्यायमूर्ति कार्तिकेयन ने फैसला सुनाते हुए कहा, अखबार की खबरों पर भरोसा करना इस अदालत की ओर से उचित नहीं हो सकता है, लेकिन मेरा मानना है कि मेरी ओर से यह मानना उचित है कि याचिकाकर्ता को चूहे के काटने का सामना करना पड़ा था।
उन्होंने यह भी कहा, अगर यह झूठ होता तो अस्पताल के अधिकारी अखबारों के सामान का जवाब जरूर देते।
न्यायमूर्ति कार्तिकेयन ने यह भी कहा कि यह घटना एक अप्रत्याशित दुर्घटना थी और मुआवजा स्वत: देय है। न्यायाधीश ने तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव को महिला को 25,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया और अस्पताल के अधिकारियों को भविष्य में असहाय रोगियों को इस तरह के खतरे को रोकने का निर्देश दिया।
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Source : IANS