मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा
प्रेस कांफ्रेस कर इस्तीफे का ऐलान करने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ सीधे राजभवन पहुंचे. उन्होंने राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.
भोपाल:
प्रेस कांफ्रेस कर इस्तीफे का ऐलान करने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ सीधे राजभवन पहुंचे. उन्होंने राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इससे पहले कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि 11 दिसंबर 2018 को परिणाम आया. कांग्रेस को सबसे अधिक सीटें मिली. 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री की शपथ ली. 25 दिसंबर को मंत्रिमडल की शपथ ली. 15 महीनों में मेरा प्रयास रहा कि प्रदेश की तस्वीर बदलें. राजनीतिक जीवन में हमेशा राज्य की हरसंभव मदद की. जनता ने हमें पांच साल का मौका दिया था. मध्य प्रदेश की तुलना छोटे राज्यों से नहीं होती. बीजेपी तो 15 साल मिले थे मुझे 15 महीने मिले. इनमें ढाई महीने लोकसभा चुनाव और आचार संहिता में चले गए.
Kamal Nath has submitted his resignation to Madhya Pradesh Governor Lalji Tandon. His letter states "All that has happened in Madhya Pradesh in the last two weeks is a new chapter in the weakening of democratic principles." pic.twitter.com/agzKBsdbxh
— ANI (@ANI) March 20, 2020
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कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी नेता कहते थे कि यह 15 दिन की सरकार है, पहले दिन से बीजेपी ने षड़यंत्र शुरू किया. 22 विधायकों को बंधक बनाने का काम किया. करोड़ों रुपये खर्च कर प्रलोभन का खेल खेला गया. लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जिसकी सच्चाई जल्द सामने आएगी. विधानसभा में तीन पर बहुमत साबित किया. बीजेपी से यह बर्दाश्त नहीं हुआ. ये विश्वासघात मध्यप्रदेश की जनता के साथ हुआ है. जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी.
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15 महीने में नहीं लगा घोटाले का आरोप
कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी के राज में प्रदेश में माफिया राज पनपा. हमने 15 महीनों में प्रदेश को माफिया मुक्त किया. 2 लाख किसानों को कर्ज माफ किया. युवाओं को रोजगार देने के प्रयास किए गए. बीजेपी राज में बेरोजगारी बढ़ी. प्रदेश को मिलावटमुक्त बनाने का काम किया. 15 महीने में हमारे ऊपर किसी भी घोटाले का आरोप नहीं लगा.
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