अयोध्या विवाद पर BJP नेता के बिगड़े बोल, कहा- फैसला पक्ष में नहीं आया तब भी बनेगा मंदिर

रतलाम में एक कार्यक्रम के दौरान तपन भौमिक ने कहा कि फ़ैसला हिंदुओं के पक्ष में जाएगा और अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो हम इसे सुनिश्चत करेंगे।

रतलाम में एक कार्यक्रम के दौरान तपन भौमिक ने कहा कि फ़ैसला हिंदुओं के पक्ष में जाएगा और अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो हम इसे सुनिश्चत करेंगे।

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Deepak Kumar
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अयोध्या विवाद पर BJP नेता के बिगड़े बोल, कहा- फैसला पक्ष में नहीं आया तब भी बनेगा मंदिर

तपन भौमिक (एएनआई)

बीजेपी नेता और मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक ने अयोध्या विवाद मामले पर एक आपत्तिजनक बयान दिया है।

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रतलाम में एक कार्यक्रम के दौरान तपन भौमिक ने कहा कि फ़ैसला हिंदुओं के पक्ष में जाएगा और अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो हम इसे सुनिश्चत करेंगे।

तपन भौमिक ने कहा, 'ये फैसला हिंदूओं के पक्ष में होगा, नहीं होगा तो करवाया जाएगा... हिंदू करवाएंगे। इस फैसले के बाद लोकसभा के अंदर हमारे लोग बैठे हैं...वे नियम बनाएंगे..विधेयक पास करेंगे और वहीं मंदिर बनाएंगे।'

भैमिक ने आगे कहा, 'अगर ऐसा नहीं होता है तो करोड़ों हिंदू मिलकर ऐसा करेंगे।'

बदा दें कि इससे पहले आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि 'राम मंदिर राम जन्मभूमि पर ही बनेगा और वहां कुछ भी नहीं बनेगा। इसका निर्माण किया जाएगा और वास्तविक स्वरूप में उसी पत्थरों से निर्माण किया जाएगा। इसका निर्माण उनके नेतृत्व में होगा, जिन्होंने इस आंदोलन की अगुवाई की थी और इसके लिए 20-25 वर्षो तक लड़ते रहे।'

जिसके बाद एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरएसएस प्रमुख से पूछा था कि, 'किस अधिकार से मोहन भागवत कहते हैं कि अयोध्या में मंदिर बनेगा। जबकि इस मामले में अभी भी अदालत में सुनवाई चल ही रही है। कौन है मोहन भागवत? क्या वो मुख्य न्यायधीश हैं?'

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में मालिकाना हक पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर आठ फरवरी, 2018 से सुनवाई शुरू करेगा।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2010 के अपने फैसले में विवादित बाबरी मस्जिद स्थल निर्मोही अखाड़ा, भगवान राम देवता व सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बांटने की बात कही थी।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भूषण व न्यायमूर्ति एस.अब्दुल नजीर की पीठ ने सभी वकीलों को निर्देश दिया कि वे इस मामले पर सौहार्द्रपूर्वक काम करें और सुनिश्चित करें कि पहले यदि कोई दस्तावेज दाखिल नहीं किए गए हैं, तो उन सभी दस्तावेजों को दाखिल किया जाए।

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Source : News Nation Bureau

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