logo-image

पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी का ऐलान, 'मदरसे में मस्जिद के साथ बनेगा मंदिर'

सलमा ने बताया कि उनके मदरसा चाचा नेहरू में मंदिर और मस्जिद दोनों का निर्माण होगा. उनके पंसदीदा भगवान हनुमान और शिवजी है इसलिए इस मंदिर में उनकी ही मूर्तियां स्थापित की जाएंगी.

Updated on: 14 Jul 2019, 08:32 AM

नई दिल्ली:

एक तरफ पूरे देश में जहां गौरक्षा और भगवान राम के नाम पर लिंचिंग की घटनाएं हो रही है. वहीं दूसरी तरफ ऐसे लोग भी है जो हिंदू-मुस्लिम एकता को बनाए रखने की कोशिश में जु़टे हुए है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी है. सलमा एक अल नूर चैरिटेबल सोसइटी के तहत बने एक मदरसे में जल्द ही मंदिर बनवाने जा रही है. जिससे वहां पढ़ने आने वाले हिंदू बच्चे भगवान का आशीर्वाद ले सके.

ये भी पढ़ें: मुस्लिम बच्चों को 'जय श्रीराम' के नारे लगाने के लिए मजबूर करने से योगी सरकार का इनकार

इस मामले पर सलमा ने बताया कि उनके मदरसा चाचा नेहरू में मंदिर और मस्जिद दोनों का निर्माण होगा. उनके पंसदीदा भगवान हनुमान और शिवजी है इसलिए इस मंदिर में उनकी ही मूर्तियां स्थापिता की जाएंगी.

उन्होंने ये भी कहा, 'बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए ये फैसला किया गया. उन्हें इबादत के लिए मदरसे से बाहर न जाना पड़े इसलिए मंदिर-मस्जिद बनाने का फैसला किया गया है. ये दो महीने में बनकर तैयार हो जाएगा.' इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मदरसे में सुरक्षा के मद्देनजर मेटल डिटेक्टर लगाए जाएंगे, जिससे गुजरकर बच्चे आएंग-जाएंगे.

मदरसे में मंदिर बनाने को लेकर कट्टरपंथियों के आपत्ति के सवाल पर सलमा ने कहा, 'मैं ऐसे लोगों की चिंता नहीं करती हूं. एक बार एएमयू के एक शिक्षक उन्हें ये जरूर कहने आए थे कि आप एक मुस्लिम बच्चे को राम क्यों बना रही है.' देश में बढ़ते मॉब लिंचिग को लेकर उन्होंने कहा, 'लोग इंसानियत भूलते जा रहे हैं फिर चाहे वो किसी भी धर्म के हो.'

और पढ़ें: मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश की याचिका SC ने की खारिज

मदरसे में मंदिर-मस्जिद के अलावा चर्च और गुरुद्वारा बनवाए जाने के सवाल पर सलमा अंसारी ने कहा, 'उनके यहां इन समुदायों/ धर्म के बच्चे नहीं हैं. इसके अलावा चर्च के लिए अलग तरह से संरचना होती है. इसके 21 तरीके होते हैं, अलग-अलग निशान होते हैं. वहीं मंदिर-मस्जिद साफ-सुथरी जगह पर कहीं भी बना सकते हैं.