केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि किसानों की कर्ज माफी आजकल फैशन की तरह हो गया है। हर कर्ज माफ करना संभव नहीं है और यह समस्या का आखिरी समाधान नहीं है।
महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उड़ीसा के किसान कर्ज माफी समेत अन्य कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन भी कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नायडू का यह बयान कुछ राज्यों की तरफ से किसानों का कर्ज माफ किए जाने के बाद आया है।
उन्होंने कहा, 'कर्ज़ माफी की मांग करना एक फैशन हो चुका है। लेकिन कर्ज माफ करना एक अंतिम समाधान नहीं है और अपरिहार्य परिस्थितियों में ही ऐसा फैसला लेना चाहिये।'
हालांकि बयान पर विवाद होने की के बाद वेंकैया नायडू ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। नायडू ने कहा कि वह इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्यक्रम में बोल रहे थे जिसका विषय किसानों की समस्याएं भी था और उनका बयान भी उसी संदर्भ में है। हम समस्याओं का अस्थायी समाधान कर रहे हैं स्थायी नहीं।
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नायडू ने कहा कि इस तरह के फैसले लेने की जगह किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिलना चाहिये। साथ ही परेशान किसानों को राहत और सहायता दी जानी चाहिये।
उन्होंने कहा, 'सबसे ज्यादा ज़रूरत इस बात की है कि उन्हें बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं, जैसे गोदाम, कोल्ड स्टोरेज कोल्ड स्टोरेज आदि उन्हें उपलब्ध कराई जानी चाहिये।'
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब किसानों की कर्ज़माफी की घोषणा कर चुके हैं। बुधवार को कर्नाटक ने भी हर किसान के 50 हजार रुपये माफ करने की घोषणा की है।
सोमवार को पंजाब सरकार ने भी अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिये राज्य विधानसभा में कर्जमाफी की घोषणा की। अमरिंदर सरकार के इस कदम से राज्य के 10.25 लाख किसानों को फायदा होगा।
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Source : News Nation Bureau