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एम. मुकुंदन की दिल्ली: ए सोलिलोक्यी ने साहित्य 2021 का 25 लाख रुपये का जेसीबी पुरस्कार जीता

एम. मुकुंदन की दिल्ली: ए सोलिलोक्यी ने साहित्य 2021 का 25 लाख रुपये का जेसीबी पुरस्कार जीता

Updated on: 14 Nov 2021, 05:10 PM

नई दिल्ली:

एम. मुकुंदन द्वारा लिखित दिल्ली: ए सोलिलोक्यी, एक जुनूनी, अंतरंग महाकाव्य को शनिवार शाम को 25 लाख रुपये के जेसीबी पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया। साहित्य 2021, भारत का सबसे महत्वपूर्ण साहित्यिक पुरस्कार है। यह लगातार दूसरा ऐसा वर्ष है जब किसी मलयालम अनुवाद को इतना सम्मानित किया गया है।

जेसीबी पुरस्कार की साहित्यिक निदेशक मीता कपूर द्वारा आयोजित समारोह में मुकुंदन ने कहा कि मैं इस पुस्तक को दिल्ली और अन्य जगहों के गरीब लोगों को समर्पित करता हूं। इस प्राइज मनी में अनुवादक, फातिमा ई.वी. और नंदकुमार के, अतिरिक्त 10 लाख रुपये साझा करेंगे।

मुकुंदन ने कहा कि मैंने पुरस्कार की उम्मीद नहीं की थी। यह एक महान क्षण है जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगा। मैंने अतीत में कई पुरस्कार जीते हैं लेकिन यह अतुलनीय है।

दिल्ली: ए सोलिलोक्यी (वेस्टलैंड) को पांच पुस्तकों की एक शॉर्टलिस्ट से चुना गया था जिसमें वी.जे. जेम्स, मिनिस्टी एस (पेंगुइन) द्वारा मलयालम से अनुवादित, दरिभा लिंडेम (जुबान) की प्लेस एनिमल थिंग, शब्बीर अहमद मीर (हैचेटे) द्वारा द प्लेग अपॉन अस, और लिंडसे परेरा द्वारा गॉड्स एंड एंड्स ( पेंगुइन) शामिल है।

2018 में उद्घाटन संस्करण में शहनाज हबीब द्वारा मलयालम से अनुवादित बेन्यामिन के पिछले विजेता जैस्मीन डेज रहे हैं, 2019 में माधुरी विजय द्वारा द फार फील्ड और एस हरीश द्वारा मूंछ: ं 2020 में जयश्री कलाथिल द्वारा मलयालम से अनुवादित किया गया।

पुस्तक को पांच जजों के एक पैनल द्वारा चुना गया था। सारा राय (अध्यक्ष), अन्नपूर्णा गरिमेला, शहनाज हबीब, प्रेम पनिकर और अमित वर्मा, जिनमें से सभी का पुस्तक की प्रशंसा में एकमत था।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.