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लखनऊ में बनेगा मदर मिल्क बैंक, कामकाजी महिलाओं के लिए होगा वरदान

लखनऊ में प्रदेश का पहला मदर मिल्क बैंक राजधानी के 'एसपीजीआई' या 'केजीएमयू' में स्थापित होगा।

Updated on: 01 Aug 2017, 03:12 PM

नई दिल्ली:

मां का दूध नवजात शिशुओं को बीमारियों से दूर रखने में मददगार होता है लेकिन देश में कुछ नवजात शिशुओं को मां का दूध नसीब नहीं होता। भारत में अब भी 10 में से 4 बच्चों को मां का पहला दूध नहीं मिल पाता। जन्म के एक घंटे के अंदर मिलने वाला मां का दूध बच्चे को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है लेकिन प्रदेश में सिर्फ 25.2 फीसदी बच्चों को ही ये नसीब होता है जो कि चिंताजनक है। 1 से 7 अगस्त तक 'विश्व स्तनपान सप्ताह' में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

लखनऊ में  प्रदेश का पहला मदर मिल्क बैंक राजधानी के 'एसपीजीआई' या 'केजीएमयू' में स्थापित होगा। इसे दिल्ली के कलावती सरन हॉस्पिटल में बने मदर मिल्क बैंक की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन इस ओर काम कर रहा है।

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शिशु मृत्यु दर घटाने और कामकाजी महिलाओं के लिए या मिल्क बैंक एक वरदान साबित होगा। मिल्क बैंक कामकाजी महिलाओं के लिए फायदेमंद है क्यूंकि मां बच्चों के लिए मिल्क बैंक में अपना दूध सुरक्षित रखवा सकेंगी।

इस बैंक में मां के दूध को -20 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर 3 महीने से अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

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