यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रभाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट चिंतित है। उसने चुनाव टालने का सुझाव दिया है। कोर्ट ने प्रधानमंत्री और चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया है कि विधानसभा चुनाव में कोरोना की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैलियों पर रोक लगाई जाए।
न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने प्रधानमंत्री और चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया है कि विधानसभा चुनाव में कोरोना की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैलियों पर रोक लगाई जाए। उनसे कहा जाए कि चुनाव प्रचार इलेक्ट्रॉनिक और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। पार्टियों की चुनावी सभाएं एवं रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।
न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने उत्तर प्रदेश गिरोहबंद कानून के तहत जेल में बंद आरोपी संजय यादव की जमानत मंजूर करते हुए यह टिप्पणी की। संजय यादव के खिलाफ प्रयागराज के थाना कैंट में मुकदमा दर्ज है। हाई कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए कहा कि आज इस न्यायालय के समक्ष लगभग चार सौ मुकदमे सूचीबद्ध हैं। इसी प्रकार से प्रतिदिन मुकदमे न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध होते हैं, जिसके कारण अधिक संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित होते हैं। इससे कोरोना के मद्देनजर शारीरिक दूरी मानक का पालन नहीं हो पाता है। वहीं, कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। इससे तीसरी लहर आने की संभावना है।
हाईकोर्ट ने कहा कि दूसरी लहर में लाखों की संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हुए और लोगों की मृत्यु हुई। ग्राम पंचायत चुनाव और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव ने लोगों को काफी संक्रमित किया, जिससे लोग मौत के मुंह में गए। अब यूपी विधानसभा का चुनाव निकट है। सभी पार्टियां रैली, सभाएं करके भीड़ जुटा रहीं हैं, जहां किसी भी प्रकार का कोरोना प्रोटोकॉल संभव नहीं है और इसे समय से नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे।
हाई कोर्ट ने कहा कि समाचार पत्रों के अनुसार ओमिक्रोन के 24 घंटे में हजार नए मामले मिले हैं। इसमें 318 लोगों की मौतें हुई हैं। इस महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्काटलैंड जैसे देशों ने संपूर्ण व आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है। ऐसी दशा में महानिबंधक, उच्च न्यायालय इलाहाबाद से आग्रह है कि वह इस विकट स्थिति से निपटने के लिए नियम बनाएं।
कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में कोरोना मुफ्त टीकाकरण का जो अभियान चलाया है, वह प्रशंसनीय है। कोर्ट प्रधानमंत्री से अनुरोध करती है कि इस भयावह महामारी की स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाएं। कोर्ट ने इस आदेश की एक प्रति महानिबंधक उच्च न्यायालय इलाहाबाद, चुनाव आयुक्त व केंद्र सरकार को प्रेषित करने का निर्देश दिया है।
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Source : IANS