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लखनऊ एनकाउंटर: पांच वक्त का नमाज़ी सैफुल्ला दिन निकलने से पहले खाता खाना, मिला उसका डे प्लान

लखनऊ एनकाउंट में मारे गए सैफुल्लाह की यह पूरी दिनचर्या उर्दू में नहीं बल्कि अंग्रेजी लिखी है। उसकी अंग्रेजी की लिखावट से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह पढ़ा-लिखा था।

Updated on: 08 Mar 2017, 05:53 PM

नई दिल्ली:

लखनऊ के ठाकुरगंज में संदिग्ध आईएसआईएस सैफुल्लाह के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियां जब उसरे घर में दाखिल हुईं तो कई ऐसी चीजें मिली हैं, जो चौकाने वाली हैं और बताती हैं कि उसकी जिंदगी का रास्ता किसी और दिशा में मुड़ने लगा था।

एनकाउंटर के बाद सुरक्षा एजेंसिया जब उसके कमरे में गईं तो तमाम हथियार और आईएसआईएस के झंडे के साथ दिवार पर दो पन्ने भी चिपके हुए मिले, जिस पर उसका पूरा डे प्लान लिखा हुआ है। उसे कब जगना है, कब नमाज पढ़ना है, कब एक्सरसाइज करनी है..यह सबकुछ लिखा है। यहां तक कि रमजान और दूसरे आम दिनों में कब क्या करना है, यह भी दर्ज है।

अंग्रेजी में लिखी पूरी दिनचर्या

सबसे बड़ी बात यह है कि सैफुल्लाह ने यह पूरी दिनचर्या उर्दू में नहीं बल्कि अंग्रेजी लिखी थी। उसकी अंग्रेजी की लिखावट से यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह पढ़ा-लिखा था।

रमजान के महीने में सुबह सैफुल्लाह का डे प्लान

यूपी एटीएस के मुताबिक आतंकी सैफुल्लाह ISIS के खुरासन माड्यूल का सदस्य था और पांच वक्त का नमाजी था। सैफुल्लाह आम तौर पर 4 बजे उठता था। एक आम मुसलमान की तरह वह सुबह की नमाज और फिर दिन निकलने से पहले सहरी (सुबह का खाना) करता था।

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इसके बाद वह थोड़ी आराम करता और फिर सुबह 6.45 बजे किसी धर्म से जुड़ा लेक्चर सुनता था। करीब 12.30 बजे वह दोपहर की नामाज अदा करता था और तफसीर और हदीस पढ़ता था।

दिन के 3 बजे वह शाम का खाना बनाने का काम शुरू कर देता था और फिर शाम चार बजे असर सलत (सूरज डूबने से ठीक पहले) की नमाज अदा करता था। शाम 7 बजे वह एक बार और फिर मगरीब सलत (सूरज डूबने के बाद) की नमाज पढ़ता था और फिर रात का खाना खाता था। शाम 8.30 बजे वह दिन की आखिरी नमाज इशा सलत अदा करने के बाद धर्म से जुड़े भाषण सुनता या फिर योजनाए बनाता था।

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पांच वक्त का नमाजी था सैफुल्लाह

रमजान से अलग सामान्य दिनों में भी सैफुल्लाह की करीब-करीब यही दिनचर्या रहती थी। वह इन दिनों भी सुबह 4 बजे जगता और फिर नमाज पढ़ता था। सुबह करीब 7.45 बजे तक वह व्यायाम और वॉक करता था। इसके बाद करीब 8 बजे वह नाश्ता और फिर 12.30 बजे दिन का खाना खाता था। इन दिनों भी वह पांच वक्त का नमाज पढ़ना नहीं भूलता था। इसके अलावा सेहत के प्रति बेहद जागरूक था और नारियल पानी को खास तवज्जो देता था।