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कश्मीरी पंडितों को दोबारा कश्मीर में बसाने को लेकर उपराज्यपाल ने की पहल

अवतार किशन उपराज्यपाल के दोबारा कश्मीरी पंडितों को बसाने की बात से काफी खुश नजर आते है लेकिन इस परिवार के लिए आज भी 19 जनवरी 1990  कल का वाकया है.

Updated on: 20 Jul 2021, 04:07 PM

highlights

  • कश्मीरी पंडितों को दोबारा कश्मीर में बसाने को लेकर उपराज्यपाल ने की पहल
  • 1990 का दर्द सह चुके कश्मीरी पंडितों के परिवार
  • 60 साल के अवतार किशन कौल, बीते 31 साल से रोहिणी के 1 कमरे के मकान में रहते है

जम्मू-कश्मीर:

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सरकारी अधिकारियों को विस्थापित कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए, जिनको अपने घर से बाहर रहने के लिए मजबूर किया गया था. कश्मीरी विस्थापित पंडित दिल्ली, मुंबई, चेन्नई व देश के अन्य भागों के अलावा विदेश में भी रह रहे हैं. जम्मू कश्मीर के अधिकारियों को कश्मीरी विस्थापित परिवारों तक पहुंच बनाने की व्यापक प्रक्रिया को अंजाम देना चाहिए. कश्मीरी पंडितों को दोबारा कश्मीर में बसाने को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की पहल के बारे में क्या सोचते है 1990 का दर्द सह चुके कश्मीरी पंडितों के परिवार.

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60 साल के अवतार किशन कौल, बीते 31 साल से रोहिणी के 1 कमरे के मकान में रहते है परिवार में धर्मपत्नी व 1 बेटी है. अवतार किशन उपराज्यपाल के दोबारा कश्मीरी पंडितों को बसाने की बात से काफी खुश नजर आते है लेकिन इस परिवार के लिए आज भी 19 जनवरी 1990  कल का वाकया है. उनकी पत्नी के तो उस दिन को याद कर आंसू थमते ही नही. भावुक अवतार किशन कहते है कि आज भी कश्मीर में सुरक्षा उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा है इसके अलावा उनकी मांग कश्मीर में अलग होम लैंड की है.

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वहीं संजय कौल की कहानी भी कुछ अलग नही है, संजय जब 1990 में दिल्ली आए तो यहां पहुंचते ही घर छोड़ने के सदमे से संजय के पिता का देहांत हो गया, संजय 20 साल के थे और आज 52 साल की उम्र में संजय कौल के मन मे विस्थापित कश्मीरियों को पुनः बसाए जाने को लेकर कई सवाल है. संजय कहते है कि उस वक़्त तो सिर्फ लोकल कश्मीरी थे जिनके जरिये पाकिस्तान ने कश्मीरी पंडितों का नरसंहार किया लेकिन आज उनके हाथ मे लश्कर-जैश जैसे संगठनों की भी ताकत है ऐसे में उनका व उनके जैसे लोगो के परिवार का जीवन कैसे सुरक्षित रह सकता है इसके लिए वे सरकार से अलग होम लैंड की मांग करते है साथ ही उनका कहना है की उनके नाम पर होने वाली वोट पॉलिटिक्स बन्द हो और वाकिये अगर सरकारें बसाना चाहती है तो इनके रहने के सही इंतज़ाम से लेकर इनके रोजगार और सुरक्षा पर काम करे.