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दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए बिल पास

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने दिल्ली की इन कॉलोनियों को नियमित करने में घोर लापरवाही बरती.

Updated on: 10 Mar 2021, 04:11 PM

highlights

  • दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को वैध बनाने का विधेयक पारित
  • केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा पहले की सरकारों ने की उपेक्षा
  • कहा-कोरोना महामारी नहीं आई होती तो पहले ही हो चुका होता काम

नई दिल्ली:

लोकसभा (Lok Sabha) में बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनियों (Illegal Colony) की पहचान कर इन्हें नियमित करने का बिल पारित हो गया. इस दौरान विपक्षी ईंधन की बढ़ी कीमतों को लेकर हंगामा करते रहे. आवास और शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सदन में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2021 पेश किया. संक्षिप्त चर्चा के बाद निचले सदन द्वारा विधेयक पारित कर दिया गया. पुरी ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य दिल्ली (Delhi) के नागरिकों को राहत देना है जो पिछली सरकारों द्वारा इस मुद्दे पर वर्षो से उपेक्षित थे. सरकार ने 8 फरवरी को राज्यसभा में विधेयक पेश किया था, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) द्वितीय (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को बदलना था.

केंद्रीय मंत्री ने पूर्व सरकारों पर लगाया उपेक्षा का आरोप
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने दिल्ली की इन कॉलोनियों को नियमित करने में घोर लापरवाही बरती. पुरी ने कहा ने कहा कि जनता के बीच यह धारणा है कि कुछ राजनीतिक दलों के सत्ता में रहते हुए कालोनियों को नियमित करने में विलंब किया गया. उन्होंने किसी दल का नाम लिए बगैर कहा कि इससे पहले किसी सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया.

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कोरोना न आता तो पहले हो जाता काम पूरा
पुरी ने बताया कि अगर कोरोना महामारी नहीं आती तो अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का काम काफी हद तक पूरा हो गया होता. मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. वर्ष 2011 का संबंधित कानून पिछले साल 31 दिसंबर तक वैध था. अध्यादेश के माध्यम से कानून की समय सीमा 31 दिसंबर, 2023 तक बढ़ा दी गयी थी. इससे पहले विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि वह 2047 तक दिल्ली को सिंगापुर बनाना चाहते हैं।. ये लोग चुनावों से पहले इसी तरह की बातें करते हैं, लेकिन समय रहते कोई कदम नहीं उठाया जिस कारण ये कानून लाया जा रहा है.

राष्ट्रपति ने दी थी अध्यादेश को मंजूरी
अध्यादेश को 30 दिसंबर 2020 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकृति दी थी. इससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधि (विशेष प्रावधान) द्वितीय अधिनियम, 2011 में संशोधन को अनुमति मिली थी. 2011 का अधिनियम 31 दिसंबर, 2020 तक वैध था. अध्यादेश को 31 दिसंबर, 2023 तक बढ़ा दिया गया है. 2011 के अधिनियम में 31 मार्च 2002 तक राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण के लिए प्रावधान किया गया था.

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अब संशोधन के साथ पारित हुआ
अध्यादेश में यह संशोधन किया गया है कि अनाधिकृत कालोनियों को दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (अनाधिकृत कॉलोनियों में निवासियों के संपत्ति अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2019 और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (अनाधिकृत कॉलोनियों में निवासियों के संपत्ति अधिकारों की मान्यता विनियम, 2019) के अनुसार नियमितीकरण के लिए पहचाना जाएगा. इसलिए 1 जून, 2014 को अस्तित्व में मौजूद और 1 जनवरी, 2015 तक 50 प्रतिशत विकास वाले अनाधिकृत कॉलोनी नियमितीकरण के लिए पात्र होंगे.