लोकसभा में जीएसटी संशोधनों के साथ पारित, कृषि क्षेत्र जीरो टैक्स स्लैब में, जानें जेटली ने और क्या कहा
देश के करों में सुधार करने की दिशा में मोदी सरकार को एक बड़ी कामयाबी मिली। लोकसभा में दिन भर की चर्चा के बाद बुधवार को जीएसटी बिल पारित हो गया। वित्तमंत्री ने इसे देश परिवर्तन लाने वाला विधेयक करार दिया।
नई दिल्ली:
देश के करों में सुधार करने की दिशा में मोदी सरकार को एक बड़ी कामयाबी मिली। लोकसभा में दिन भर की चर्चा के बाद बुधवार को जीएसटी बिल पारित हो गया। वित्तमंत्री ने इसे देश परिवर्तन लाने वाला विधेयक करार दिया।
जीएसटी को आजादी के बाद का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार माना जा रहा है। इस बिल से जुड़े चार बिलों सेंट्रल जीएसटी, इंटीग्रेटेड जीएसटी, यूनियन टेरिटरी जीएसटी और कॉम्पेंसेशन जीएसटी बिलों को लोकसभा ने संशोधन के बाद पारित कर दिया गया।
लोकसभा के बाद सरकार अब इसे राज्यसभा में पेश करेगी।
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आइये जानते हैं वित्त मंत्री अरुण जेटली के भाषण की खास बातें-
# जम्मू-कश्मीर में ये इसलिये लागू नहीं होगा, वहां की स्थिति अलग है, राज्य विधानसभा को जीएसटी के लिये बिल पारित करना होगा और उसके बाद ही ये वहीं पर लागू होगा
# अग्रीकल्चरिस्ट को इसके दायरे में लाया गया क्योंकि उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। लेकिन वो ज़ीरो रेटेड के दायरे में आएंगे।
# हमारी कोशिश थी कि विभिन्न मुद्दों पर जिन पर सहमति बन रही है उसे जीएसटी के तहत लाया जाए और जिन पर नहीं बन रही उसपर बाद में विचार किया जाएगा
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# जेटली ने कहा कि यदि इस समय किसी वस्तु पर 10 प्रतिशत टैक्स लगता है तो कोशिश होगी कि जीएसटी के तहत भी उसके आस-पास का ही टैक्स लगे। इससे वस्तुएं सस्ती भी हो सकती है और कीमतें नियंत्रित रहेंगी।
# रियल स्टेट को जीएसटी के दायरे में रखने के लिये भी चर्चा हुई थी, लेकिन राज्यों में इस बात को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी। एक साल बाद इसको जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है।
# जेटली ने कहा कि लग्जरी टैक्स स्लैब को दो भागों में बांटा गया है- टैक्स और सेस। इसमें टैक्स की दर 28 प्रतिशत होगी।
# विपक्ष की तरफ से रेट तय करने को लेकर उठाए गए सवालों पर अरुण जेटली ने कहा कि हवाई चप्पल और बीएमडब्लू पर एक ही रेट से टैक्स नहीं लगाया जा सकता।
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# उन्होंने बताया कि पहला टैक्स स्लैब ज़ीरो होगा जबकि दूसरा स्लैब 5%, तीसरा स्लैब 12% और 18% है।
# पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स इस समय ज़ीरो स्लैब में रखा गया है लेकिन इसे बदलने को लेकर बाद में विचार किया जाएगा।
# विशेषज्ञों की समिति गठित की गई है ताकि जीएसटी को सही तरीके से लागू किया जा सके
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