लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के 19 सांसदों को पोडियम के समक्ष इकट्ठा होने, पेपर फाड़ने और इसे चेयर की ओर उछालकर 'गंभीर अव्यवस्था' उत्पन्न करने के लिए लगातार चार दिन तक के लिए कार्यवाही से निलंबित कर दिया. लोकसभा अध्यक्ष ने इससे एक दिन पहले इसी तरह के 'खराब व्यवहार' के लिए अन्नाद्रमुक के 24 सांसदों को लगातार पांच दिनों की कार्यवाही से निलंबित कर दिया था.
अन्नाद्रमुक सदस्य कर्नाटक में कावेरी नदी पर प्रस्तावित एक बांध के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे थे, जबकि टीडीपी सदस्य आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे.
हंगामे के बीच सदन के पटल पर आधिकारिक पेपर रखे गए थे. महाजन ने प्रदर्शन कर रहे सदस्यों को वापस जाने या फिर कार्रवाई की चेतावनी दी. लेकिन, सदस्यों ने उनकी चेतावनी को अनसुना कर दिया. उन्होंने कहा, "मैं आपका नाम लूंगी..मैं चेतावनी दे रही हूं..आप सदन के वेल के पास आ गए..आप सदन की गरिमा का उल्लंघन कर रहे हैं..यह गंभीर अव्यवस्था है..नियम 374(ए) के अंतर्गत, आपको सदन की लगातार चार बैठकों से निलंबित किया जाता है."
उसके बाद उन्होंने टीडीपी के जयदेव गाला, मगांती मुरली मोहन, मुतमसेट्टी श्रीनिवास राव, अशोक गजपति राजू, थोटा नरसिम्हन, राम मोहन नायडू समेत अन्य सदस्यों का नाम लिया. महाजन ने इसके बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न् 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
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