logo-image

सवर्ण आरक्षण बिल पास होने पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने क्यों कहा, मेरे बच्चों को मिल गया जवाब

आर्थिक आधार पर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण बिल देर रात लोकसभा से पास होने के बाद स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इस पर बेहद खुशी जताई और कहा अब मेरे बच्चों को भी इसका जवाब मिल गया

Updated on: 09 Jan 2019, 07:53 AM

नई दिल्ली:

आर्थिक आधार पर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण बिल देर रात लोकसभा से पास होने के बाद स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इस पर बेहद खुशी जताई और कहा अब मेरे बच्चों को भी इसका जवाब मिल गया. लोकसभा में लंबी बहस के बाद मंगलवार की रात को इस पर मुहर लगने के बाद स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इस पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, 'मैं अब अपने बच्चों के लिए खुशी महसूस कर रही है. वो हमेशा कहते थे हमारे लिए क्या ? आर्थिक रूप से कमजोरों के लिए क्या ? क्या सिर्फ जाति ही सबसे बड़ा मुद्दा है. आज ऐसे कई सवालों का जवाब मिल गया. आने वाले दिनों में यह बेहद फायदेमंद होगा.'

बता दें कि इस आरक्षण बिल को अमली जामा पहनाने के लिए आज राज्यसभा के शीतकालीन सत्र को एक दिन के लिए बढ़ाया गया है. संसद के उच्च सदन में इसे आज पेश किया जाएगा. पीएम मोदी ने इस बिल के लोकसभा में पास होने पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, 'यह भारत के इतिहास के लिए एक युगांतकारी क्षण है. यह प्रक्रिया समाज के सभी वर्ग के लोगों के बीच समानता लाने के लिए एक प्रयास है.'

पीएम मोदी ने इस मौक़े पर सभी पार्टी के सांसदों का धन्यवाद करते हुए कहा कि 'हमलोग पूरी तरह से सबका साथ सबका विकास के सिद्धांत को लागू करने के लि प्रतिबद्ध है. हमारा लक्ष्य है कि सभी ग़रीब लोगों तक भरपूर संभावना के मौक़े पहुंचे.'

वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विधेयक के लोकसभा में पास होने पर कहा कि समाजिक समरसता को ध्यान में देखते हुए इस बिल को लाया गया है. इस बिल से उन लोगों को फ़ायदा होगा जो अब तक इससे वंचित थे. उन्होंने कहा, 'यह एक ऐतिहासिक बिल है. वैसे लोग जो अब तक आरक्षण का फ़ायदा नहीं ले पा रहे हैं उन्हें अब फ़ायदा मिलने वाला है. काफी समय पहले से लोग इसकी मांग कर रहे थे. यह बिल राष्ट्र हित में लाया गया है. मुझे भरोसा है कि यह बिल राज्यसभा में भी पास हो जाएगा.'

वहीं लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने बिल पास होने को लेकर कहा, 'मुझे काफी अच्छा महसूस हुआ क्योंकि मेरे बच्चे हमेशा मुझसे पूछते थे कि हमारा क्या, आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों का क्या? क्या सिर्फ जाति है मायने रखती है? आज कई सवालों का जवाब मिल गया. यह लंबे समय में काफी फ़ायदेमंद रहने वाले है.'

इससे पहले केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने बिल लोकसभा में पेश करते हुए कहा कि जो भी जाति एससी, एसटी और ओबीसी में नहीं आती है, उन्हें सामान्य वर्ग आरक्षण का लाभ मिलेगा. साथ ही हर धर्म के गरीबों को सामान्य आरक्षण वर्ग में लाभ मिलेगा. इसमें पटेल, जाट, मुस्लिम, ईसाई और अन्य सभी धर्म के गरीबों को लाभ मिलेगा. गहलोत ने कहा कि एससी-एसटी और ओबीसी के 49.5 फीसदी आरक्षण में कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी.

यह कोटा मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा. आरक्षण का लाभ उन्हें मिलने की उम्मीद है जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रूपये से कम होगी और 5 एकड़ तक जमीन होगी.