लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने येदियुरप्पा को सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार से किया सम्मानित
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने येदियुरप्पा को सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार से किया सम्मानित
बेंगलुरु:
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बी. एस. येदियुरप्पा को शुक्रवार को संयुक्त सत्र के संबोधन से पहले विधानसभा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।इससे पहले शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने संयुक्त सत्र में पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में प्रतिवर्ष दिए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार की तर्ज पर कर्नाटक में भी इस वर्ष से विधानसभा के सदस्यों को सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार मिलेगा।
येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने लोकतंत्र के मंदिर में लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का ईमानदारी से प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मैंने पूरी विनम्रता के साथ पुरस्कार स्वीकार करता हूं।
ओम बिरला ने लोकतंत्र-लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा विषय पर भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित कर्नाटक विधानमंडल में ऐतिहासिक संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को योजनाबद्ध तरीके से रोकना एक अच्छी चीज नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत में संसदीय लोकतंत्र वर्षों से मजबूत हुआ है। भारत में आजादी के बाद से 17 संसदीय चुनावों और 300 से अधिक विधानसभा चुनावों के सफल आयोजन ने देश में मजबूत लोकतांत्रिक जड़ों को एक आईना प्रदान किया है।
बिरला ने कहा, सत्ता का हस्तांतरण भी देश में शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण रहा है। संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को दुनिया भर में किसी देश को चलाने के लिए सबसे अच्छी प्रणाली के रूप में स्वीकार किया गया है।
उन्होंने कहा, हालांकि, संसद की कार्यवाही को पूर्व नियोजित तरीके से रोकना लोकतंत्र के सिद्धांतों की उच्चतम परंपराओं में नहीं है। लोकतंत्र मतभेद की अनुमति देता है। बहस करना और मतभेद करना अच्छा है, लेकिन संसद में नारे लगाना एक अच्छा चलन नहीं है। विधायकों को कानून बनाने और सार्थक चर्चा पर ध्यान देना चाहिए।
कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई ने ओम बिरला के संयुक्त सत्र के संबोधन का बहिष्कार किया। पूर्व मुख्यमंत्री और सदन के जद (एस) नेता एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा कि पार्टी लोकसभा अध्यक्ष का अनादर नहीं करना चाहती और वे संयुक्त सत्र में भाग ले रहे हैं।
इस दौरान जैसे ही ओम बिरला ने हिंदी में अपना भाषण शुरू किया, जद (एस) विधायक के. अन्नादानी ने नारे लगाते हुए कहा कि भाषण कन्नड़ भाषा में दिया जाना चाहिए।
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