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चिटफंड कंपनियों पर लगेगा लगाम, लोकसभा में ‘अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी विधेयक, 2018’ को मिली मंजूरी

विधेयक में दोषियों को कड़ी सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा विधेयक में बेईमानी से कमाए गए पैसों की वसूली के भी पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं.

Updated on: 13 Feb 2019, 05:46 PM

नई दिल्ली:

चिटफंड कंपनियों पर लगाम लगाने और ग़रीबों के पैसे की देखभाल के लिए बुधवार को लोकसभा में ‘अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी विधेयक, 2018’ को मंजूरी दी गई है. सदन ने आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन के कुछ संशोधनों को नामंजूर करते हुए ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी प्रदान की. विधेयक में दोषियों को कड़ी सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा विधेयक में बेईमानी से कमाए गए पैसों की वसूली के भी पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं.

बता दें कि केंद्र सरकार ने इस बिल को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया था. 

विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सभी दलों ने गरीबों के लिए लाये गये इस विधेयक का समर्थन किया है. कुछ सांसदों ने विधेयक के कुछ पहलुओं पर चिंता जताई जिस पर गोयल ने कहा कि विधेयक में संशोधन करते समय इसमें कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी.

विधेयक पर बोलते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सदन में आसन के समीप प्रदर्शन कर रहे तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों को भी आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग विधेयक में अड़चन डालकर इसे लटकाना चाहते हैं. इस विधेयक को पारित करने के लिए सभी दलों की सहमति थी लेकिन आज यहां नारेबाजी की जा रही है.

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वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में बताया कि जुलाई 2014 से मई 2018 के बीच आयी इस तरह की योजनाओं में ठगी के 978 मामलों सामने आए थे. इसमें से अकेले 326 पश्चिम बंगाल के थे.