हम सही वक्त पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा जरूर देंगे: अमित शाह
गृह मंत्री ने कहा कि जिन्हें पीढ़ियों तक देश में शासन करने का मौका मिला, वह अपने गिरेबां में झांककर देखें, क्या आप हमसे 17 महीने का हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं. गृह मंत्री ने कहा, मैं इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं कि कृपया जम्मू कश्मीर की हालात को समझें.
highlights
- यह नरेन्द्र मोदी की सरकार है, जो देश के लिए फैसले करती है: गृह मंत्री
- मैं कहना चाहता हूं कि कृपया जम्मू कश्मीर की हालात को समझें: गृह मंत्री
- शाह ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट पूछेगी तो हम जवाब देंगे.
नई दिल्ली:
लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है. साथ ही शाह ने कहा कि सही वक्त आने पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा. लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, यहां कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे, उनका क्या हुआ?. मैं उसका जवाब जरूर दूंगा, लेकिन पूछना चाहता हूं कि अभी तो अनुच्छेद 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं, आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आये हो क्या?.
अमित शाह ने कहा कि मैं फिर से कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है. सही वक्त पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाएगा. 4जी इंटरनेट सुविधाएं दबाव में बहाल करने के आरोप पर जवाब देते हुए शाह ने कहा, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 2जी से 4जी इंटरनेट सेवा को विदेशियों के दबाव में लागू किया है. उन्हें पता नहीं है कि यह यूपीए सरकार नहीं, जिसका वह समर्थन करते थे. यह नरेन्द्र मोदी की सरकार है, जो देश के लिए फैसले करती है.
गृह मंत्री ने कहा कि जिन्हें पीढ़ियों तक देश में शासन करने का मौका मिला, वह अपने गिरेबां में झांककर देखें, क्या आप हमसे 17 महीने का हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं. गृह मंत्री ने कहा, मैं इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं कि कृपया जम्मू कश्मीर की हालात को समझें.
बता दें कि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर मामला लंबित है. इस पर शाह ने कहा कि अगर कोर्ट को इसमें कुछ भी असंवैधानिक दिखाई पड़ता तो वह कानून पर रोक लगा देती. शाह ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट पूछेगी तो हम जवाब देंगे, लेकिन कहीं पर ये नहीं कहा गया कि इस पर अमल नहीं हो सकता. गृह मंत्री ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि हम तो सुप्रीम कोर्ट के सामने हैं ही मगर आप तो हो ही नहीं.
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