Lok Sabha Election: गुरुवार को पश्चिम बंगाल के दौरे पर होंगे PM मोदी, कूच बिहार में करेंगे रैली
Lok Sabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 अप्रैल यानी गुरुवार को पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में एक विशाल चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे.
नई दिल्ली:
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पूरी तरह से तैयारियों में जुटी हुई है. बीजेपी के स्टार प्रचारकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सबसे ऊपर है. पीएम मोदी आज पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ से चुनावी शंखनाद करेंगे. इसी के साथ पीएम मोदी देशभर में ताबड़तोड़ चुनावी रैलियों को संबोधत करेंगे. बीजेपी ने पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए भी पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को स्टार प्रचारक बनाया है. जहां 6 अप्रैल को गृह मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वोत्तर के दौरे पर पहुंचेंगे और वहां चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार अप्रैल यानी गुरुवार को पश्चिम बंगाल पहुंचेंगे. जहां वह कूच बिहार में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे.
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कांग्रेस पर पीएम मोदी ने साधा निशाना
इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से कांग्रेस पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने 1974 में इंदिरा गांधी सरकार के कार्यकाल के दौरान कच्चातीवू द्वीप श्रीलंका को देने के लिए कांग्रेस पार्टी पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि इससे लोगों में गुस्सा है और उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता. प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर अपने शासन के वर्षों के दौरान भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करने का आरोप लगाया.
पीएम मोदी ने एक ट्वीट कर कहा कि, "आंखें खोलने वाली और चौंका देने वाले नए तथ्यों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने निर्दयतापूर्वक कच्चाथीवू को छोड़ दिया. इससे हर भारतीय नाराज है और लोगों के मन में यह पुष्टि हुई है कि हम कभी भी कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकते. पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना कांग्रेस का काम करने का तरीका रहा है. 75 साल और गिनती जारी है.
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बता दें कि रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच स्थित इस द्वीप का उपयोग पारंपरिक रूप से श्रीलंकाई और भारतीय दोनों मछुआरों द्वारा किया जाता था. 1974 में, तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने "भारत-श्रीलंकाई समुद्री समझौते" के तहत कच्चातिवु को श्रीलंकाई क्षेत्र के रूप में स्वीकार किया. पाक जलडमरूमध्य और पाक खाड़ी में श्रीलंका और भारत के बीच ऐतिहासिक जल के संबंध में 1974 के समझौते ने औपचारिक रूप से द्वीप पर श्रीलंका की संप्रभुता की पुष्टि की.
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