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CAA Will Imposed In India Before Lok Sabha Election Says Amit Shah ( Photo Credit : Social Media)
Lok Sabha Election 2024: मोदी सरकार लगातार अपने कार्यकाल में बड़े फैसले ले रही है. फिर चाहे वह आर्टिकल 370 हो या फिर राम मंदिर निर्माण. कुछ ऐसे ही निर्णय अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार और लेने जा रही है. इसके तहत आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पूरे देश में नागरकिता संशोधन अधिनियम यानी CAA लागू कर देगी. ये घोषणा खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने की है. अमित शाह ने ये बात एक सार्वजनिक कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में कही. उन्होंने बताया कि मोदी सरकार लगातार जनता और देशहित में काम कर रही है.
CAA से नहीं जाएगी किसी नागरिकता
गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में साफ कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए के लागू होने से देश में किसी भी व्यक्ति की नागरिकता पर आंच नहीं आएगी. जो लोग यह सोच रहे हैं कि इसके आने से उनकी नागरिकता खतरे में पड़ जाएगी तो उन्हें ये स्पष्ट कर लेना होगा कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा.
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शाह ने बताया क्या है CAA लाने का मकसद
अमित शाह ने साफ किया है आखिर देश में सीएए लाने की जरूर क्यों पड़ रही है. इसका मकसद क्या है? उन्होंने बताया कि सीएए लाने की वजह सिर्फ धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना है. शाह ने बताया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने ही इन इस तरह के लोगों को नागरिकता देना का वादा किया था, जो हमारे देश के लिए ठीक नहीं है.
मुसलमानों को भी गुमराह कर रहा विपक्ष
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा कि विपक्ष लगातार देश के अल्पसंख्यकों खास तौर पर मुसमानों को गुमरहा करने का काम करता रहा है. शाह ने कहा कि हमारे मुस्लिम भाइयों को सीएए को लेकर भी बरगलाया जा रहा है. उन्हें भड़काया जा रहा है. नागरकिता संशोधन अधिनियम सिर्फ पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है.
CAA कानून 4 वर्ष पहले ही हो गया तैयार
बता दें कि केंद्र सरकार देश में चार वर्ष पहले ही सीएए को कानून बना चुकी है. इससे पहले बीजेपी के केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने भी यह दावा किया था कि देश में अगले सात दिन के अंदर ही सीएए लागू कर दिया जाएगा. जबकि यह विधेयक 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही संसद में पेश किया गया जहां से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और यह कानून बन गया.
शाहीन बाग में चला लंबा आंदोलन
सीएए के विरोध में देश में कई जगहों पर जमकर विरोध हुआ. खास तौर पर दिल्ली के शाहीन बाग में तो इसको लेकर एक लंबा विरोध धरना और प्रदर्शन भी चला. विरोध करने वालों का मानना है कि इससे देश के कई लोगों को नागरिकता खतरे में पड़ जाएगी और लोगों को जबरन देश छोड़ने पर मजबूर किया जाएगा.
Source : News Nation Bureau